नई दिल्ली (शौर्य यादव): अगस्ता वेस्टलैंड (Agusta Westland) हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले का ब्रह्मपिशाच कांग्रेस के पीछे लगातार बना हुआ है। पहले इसकी जद में आकर कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की गिरफ्तारी हो चुकी है। जो कि फिलहाल जमानत पर बाहर है। मामले के अहम गवाह राजीव सक्सेना की निशानदेही पर अब इस प्रकरण में सलमान खुर्शीद और कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ का नाम भी जुड़ गया है। इन दोनों पर अब जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय शिकंजा कस सकता है। हालांकि सलमान खुर्शीद इस मामले में अपनी किसी भी प्रकार की भूमिका होने से इंकार कर दिया है।
साल 2019 के दौरान इस मामले के अहम गवाह राजीव सक्सेना को दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत में लाया गया था। जिसने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद में दलाली लेने और घोटाले की बात कबूली थी। मामले में राजीव सक्सेना के सहयोग और रजामंदी के देखते हुए उसे सरकारी गवाह बनाया गया था। गहन जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को पता लगा कि, वो अभी काफी छिपा रहा है। जिसके बाद सरकारी वकील ने उसे फिर से आरोपी बनाने के लिए न्यायालय में हलफ़नामा दर्ज करवाया।
राजीव सक्सेना के बयानों के आधार पर खुलासा हुआ कि- सुषेण मोहन गुप्ता की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Interstellar Technologies Limited) कम्पनी घोटाले की रकम कई कांग्रेसी दिग्गज़ों तक पहुँचाती था। इस कम्पनी का ज़्यादातर कामकाज़ गौतम खेतान देखता था। जिसके बाद गौतम खेतान और सुषेण मोहन गुप्ता पर कानूनी शिकंजा कस गया। और उन दोनों की गिरफ्तारी हुई। राजीव सक्सेना ने ये भी दावा किया कि, जिन लोगों को घोटाले का पैसा मिला, उनमें एपी यानि कि अहमद पटेल का नाम भी सामने आया। दलाली की रकम इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और ग्लोबल सर्विसेस (Global Services) से होते हुए मोजर बियर और आप्टिमा इन्वेस्टमेंट (Moser Baer and Optima Investment) तक पहुँचती थी। जिसका संचालन रतुल पुरी और उसके परिवार के हाथों में था।
घोटाले के पैसों में हेर-फेर की अहम कड़ी बनी प्रिस्टाइन रिवर इन्वेस्टमेंट (Pristine river investment) कम्पनी राजीव सक्सेना के मुताबिक इस कम्पनी के बागडोर कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ के पास है। घोटाले के लिए काम करने वाले इस फाइनेंशियल मॉडल में प्रिस्टाइन रिवर इन्वेस्टमेंट की लोन पेमेंट का काम इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और ग्लोबल सर्विसेज संभालती थी। प्रिस्टाइन रिवर इन्वेस्टमेंट में मैनेजमेंट का काम नकुल नाथ के लिए डमी बनकर जॉन डाकेरटी देखता था।
सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के मुताबिक घोटाले की रकम ऑगस्ता वेस्टलैंड ने इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के खाते में डाली, जो कि तकरीबन 110 करोड़ रूपये थी। जिसके बाद उसे श्रृंखलाबद्ध तरीके से कई कांग्रेसी नेताओं तक पहुँचाया गया। इसी फेहरिस्त में राजीव सक्सेना ने ग्लोबल सर्विसेज के खातों का इस्तेमाल करते हुए चार कंपनियों के खातों में घोटाले की रकम पहुँचायी।
दूसरी ओर कांग्रेस को घेरने के लिए भाजपा भी लगातार इस मामले में हमलावर हो रही है। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा- कांग्रेस की अगुवाई में रक्षा सौदों में सबमरीन घोटाला, बोफोर्स घोटाला, जीप घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला हुआ है। कांग्रेसी निजी लाभ के बिना कोई भी रक्षा सौदा नहीं करते है। जब भी किसी डिफेंस डील में घोटाले की बू आती है। वहां किसी ना किसी कांग्रेसी का नाम जरूर सामने आता है।