न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): 31 दिसंबर 2021 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ (Anantnag Encounter) में मारे गये जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed -JeM) के आतंकवादी की पहचान समीर डार के तौर पर हुई है, जो साल 2019 के पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terrorist Attack) में भी शामिल था। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक समीर डार (Terrorist Sameer Dar) उर्फ लंबू पुलवामा आतंकी हमले में शामिल आखिरी बचा जिंदा बचा फरार आतंकी था।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक 30 दिसंबर को अनंतनाग एनकाउंटर में मारे गये आतंकवादियों में से एक की तस्वीर जैश के शीर्ष कमांडर समीर डार के साथ मेल खाती है, जो लेथपोरा, पुलवामा आतंकी हमले में शामिल आखिरी बचा जिंदा आतंकवादी था। फिलहाल फॉरेंसिक टीम (Forensic Team) ने उसके शरीर से सैंपल्स इकट्ठे कर लिये है ताकि उसका डीएनए मैच किया जा सके।
बीते बुधवार (30 दिसंबर 2022) को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गये थे। जिनमें दो आंतकी लोकल लेवल पर क्लासीफाइड आंतकी थे, और तीसरे आंतकी की पहचान पाकिस्तानी नागरिक (Pakistani National) के तौर पर की गयी। जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन (Banned Terrorist Organization) जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था। साथ ही वो कई आतंकी वारदातों और आम नागरिकों की हत्याओं में सक्रिय रूप से शामिल था।
बता दे कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा आतंकी हमला किया गया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये। इस घटना में जैश-ए-मोहम्मद के आदिल अहमद डार का नाम सामने आया था, जिसने पुलवामा जिले के लेथापोरा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले का हिस्सा रही बस को अपनी गाड़ी से टक्कर मार कर आत्मघाती हमला किया था।
इस बड़ी कामयाबी पर चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे (General Officer Commanding of Chinar Corps Lt Gen DP Pandey) ने आज मीडिया से कहा कि- ” वो लोगों को आईईडी बनाने और सुरक्षा बलों के खिलाफ आईईडी प्लांट (IED Plant) करने के लिये ट्रेनिंग देता था। वो स्थानीय युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें कट्टरपंथी बनाने का काम करता था। साथ ही बड़ी आंतकी वारदातों के लिये लोकल एरिया नेटवर्क का इस्तेमाल करके फडिंग और हथियार भी मुहैया करवाता था।