नई दिल्ली (शौर्य यादव): आज सावन का पहला सोमवार (Sawan) है। भगवान भोलेनाथ की आराधना कर उनकी कृपा हासिल करने के लिए ये विशेष अवसर होता है। भगवान शिव के नामों से ही उनके करूणामय होने का ज्ञान होता है। पशु और वनस्पतियों के इष्ट होने के कारण उन्हें पशुपति नाथ (Pashupati Nath) कहा जाता है। विश्व में कल्याणकारी ऊर्जा का संचार करने के लिए उनका एक नाम विश्वनाथ भी है। भोलेपन इतना कि, भक्तों की जरा सी पुकार पर प्रसन्न हो जाते है, इस कारण आशुतोष कहलाते है।
साल 2020 के सावन मास कोरोना संकट के बीच पड़ा है। ऐसे में कई भक्तजन घरों में ही रहकर आराधना और शास्त्रोक्त विधि विधान करने के लिए विवश है। खासतौर से वयोवृद्ध भक्तजन। इंफेक्शन के जोखिम के चलते भगवान शिव के कई सिद्ध स्थानों जैसे कि, बारह ज्योर्तिलिंगों, पशुपतिनाश मंदिर काठमांडू, वैद्यनाथ धाम देवघर (Vaidyanath Dham Deoghar) और काशी विश्वनाथ वाराणसी (Kashi Vishwanath Varanasi) में भक्त संक्रमण के कारण नहीं पहुँच पा रहे है। ऐसे में कई लोगों की ये इच्छा होती है कि, घर बैठे ही भगवान शिव की सहज़ कृपा प्राप्त हो जाये।
भक्तों की इसी आशंका को पूरा करने का बीड़ा भारतीय डाक ने उठाया है। अब लोग घर बैठे ही स्पीड पोस्ट के माध्यमसे काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। भारतीय डाक के लखनऊ क्षेत्र के निदेशक कुमार यादव भारतीय डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट (Shri Kashi Vishwanath Temple Trust) के बीच एक समझौता हुआ है। जिसके तहत भारतीय डाक अपनी स्पीड पोस्ट सेवा का इस्तेमाल करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद भक्तों तक पहुँचायेगी।
ये सेवा प्राप्त करने के लिए लोगों को अपने नज़दीकी डाकघर में 251 रूपये का ई-मनीआर्डर वरिष्ठ सुपरिटेन्डेंट डाक विभाग वाराणसी (पूर्वी) मंडल (Senior Superintendent Postal Department Varanasi (Eastern) Division) के नाम से भेजना होगा। जैसे संबंधित डाक विभाग को ई-मनीआर्डर मिलेगा तुरन्त ही प्रसाद व अन्य मांगलिक सामग्री व्यक्ति द्वारा बताये पते पर भेज दी जायेगी।
डाक विभाग के मुताबिक- प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता (Purity Of Offerings) बनाये रखने के लिए इसकी पैकिंग टेंपर प्रूफ एनवेलप (Taper proof envelope) में की जायेगी। जिससे कोई भी व्यक्ति बाहरी तौर पर एनवेलप से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं कर पायेगा। प्रसाद के अलावा मांगलिक सामग्रियों में भोले बाबा की अंकित छवि वाला सिक्का, महामृत्युंजय महायंत्रम (Mahamrityunjaya Mahayantram), श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि, भगवान को अर्पित बेलपत्र, भस्म, चंदन, मेवा, मिश्री का पैकेट, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, श्री शिव चालीसा और रक्षा सूत्र शामिल होगें।
भारतीय डाक की ये पहल वाकई शानदार है। इससे भक्तों को घर बैठे ही शिवकृपा (Shivkripa) सहज़ उपलब्ध हो पायेगी। मंदिर प्रशासन और भारतीय डाक विभाग की ये पहल उन भक्तों के लिए खासतौर से लाभकारी होगी, जिन्हें संक्रमण के खतरे के मद्देनज़र घरों में रहने के लिए विवश रहना पड़ रहा है।