न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): कोरोना महामारी ने न सिर्फ देश की आम जनता पर असर डाला है बल्कि कई दिग्गज़ संस्थानों की आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित किया है। इस बात को SBI Ecowrap रिपोर्ट के जरिये अच्छे से समझ जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के कारण देश के सबसे बड़े बैंक की व्यावसायिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित दिखी।अप्रैल 2021 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की व्यावसायिक गतिविधि सूचकांक में 75.7 प्रतिशत की सीधी गिरावट देखी गयी। महामारी से पहले सूचकांक में 24.3 फीसदी की है। गिरावट देखी गयी थी। बैंक ने इससे पहले बीते अगस्त महीने के दौरन इस स्तर को हासिल किया था।
रिपोर्ट में बताया गया कि एसबीआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स में अप्रैल 2021 से लगातार गिरावट देखी जा रही है। जिसके अन्तगर्त बैंक ने गिरावट के नये 75.7 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर का छुआ है। इससे पहले बीते साल पूर्व-महामारी माहौल के दौरान ये 24.3% से नीचे है। एसबीआई की इक्नॉमी रिसर्च रिपोर्ट (Economy research report) में ये भी सामने आया है कि, श्रम भागीदारी और बिजली की खपत को छोड़कर अप्रैल महीने के दौरान अन्य सभी इंडिकेटर्स में काफी गिरावट आयी है।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022 के लिये वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) में 10.4% और जीडीपी के लिए 14.2% की मामूली वृद्धि का अनुमान जताया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की बढ़ोत्तरी का प्रोजेक्शन 10.5% है, लेकिन कई आर्थिक विश्लेषकों (Economic analysts) ने SBI सहित अपने विकास अनुमानों को संशोधित करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर की शुरुआत में देश में रिकवरी दर 97% थी, जो अब 82.5% हो गयी है। रिकवरी रेट में 14.5% की कमी बीते 69 दिनों की अवधि के दौरान दर्ज की गयी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, रिकवरी दर लगभग हर 4.5 दिनों में एक फीसदी की कमी देखी जाती है। जिसके सीधा सा मतलब है कि महामारी को अपने चरमबिन्दु पर पहुँचने में अभी 20 दिन और लगेंगे। रिकवरी दर में आयी 1% की कमी से एक्टिव केसों में 1.85 लाख मामलों का इज़ाफा हो जाता है। इसलिये ये माना जा रहा है कि मई महीने के दूसरे पखवाड़े में भारत में एक्टिव केसों की तादाद 36 लाख तक पहुँच चुकी होगी। तब महामारी की ये दूसरी लहर अपने शिखर पर होगी।