न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): देशभर में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संकट के बीच आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लाई और राष्ट्रीयव्यापी टीकाकरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार के प्रतिनिधि को जवाब तलब किया। गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा कोरोना संकट की दूसरी लहर के मद्देनज़र इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केन्द्र को नोटिस जारी कर तेजी से फैल रहे वायरस संक्रमण की योजनाओं का खाका (Plans blueprint) पेश करने की बात कही।
उच्च न्यायालय में कोरोना मामलों से जुड़ी सुनवाई को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। नोटिस के द्वारा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन की सप्लाई और जरूरी दवाइयों की आपूर्ति को लेकर जवाब मांगा। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार से वैक्सीनेशन प्रोसेस और लॉकडाउन लगाने का अधिकार सिर्फ राज्यों को देने के मसले पर भी जवाब मांगा।
इस दौरान मुख्य न्यायधीश ने कहा कि मौजूदा हालातों के बीच देश के 6 उच्च न्यायालयों में कोरोना वायरस से जुड़ी न्यायिक सुनवाई चल रही है। जिनमें सिक्किम, इलाहाबाद, मुबंई, कलकत्ता और दिल्ली हाईकोर्ट शामिल है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इतने उच्च न्यायालयों में न्यायिक प्रक्रिया (Judicial process) कोरोना को लेकर चल रही। जिससे आम लोगों के बीच में भ्रम का माहौल पैदा हो रहा है। वर्चुअल सुनवाई के दौरान कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई कल यानी 23 अप्रैल 2021 तक के लिये स्थगित कर दी। मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी (Amicus curie) के तौर पर नियुक्त किया है।