नई दिल्ली (यमिनी गजपति): सुप्रीम कोर्ट (SC- Supreme Court) ने आज (11 जुलाई 2023) संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया। ये फैसला जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) से 370 अनुच्छेद के तहत विशेष दर्जा छीनने और 5 अगस्त, 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बनाने के लगभग चार साल बाद सामने आया है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि, “सुनवाई 2 अगस्त को सुबह 10.30 बजे शुरू होगी और फिर दिन-प्रतिदिन के आधार पर आगे बढ़ेगी।”
आज पांच न्यायाधीशों की न्यायिक पीठ की बैठक के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि “जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के साथ उसके मौजूदा हालातों के बारे में केंद्र की ओर से दायर किये गये ताजातरीन हलफनामे का याचिकाओं में उठाये गये संवैधानिक मुद्दों पर कोई असर नहीं होगा।”
अपने हलफनामे में केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो इलाके में अभूतपूर्व विकास, प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता लाये हैं, जो कि पुराने अनुच्छेद 370 शासन के दौरान अक्सर गायब था और ये इस बात का सबूत है। ये कदम संसदीय दायरे में उठाया गया और इसे विवेकपूर्ण ढंग से लागू किया गया था।
मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि केंद्र का हलफनामा सिर्फ मौजूदा हालातों को दिखाता है और इसका कोई ज़वाब देना जरूरी नहीं है। इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि- “हम 2019 से इस दिन का इंतजार करते आए हैं क्योकिं हमें लगता है कि हमारा केस मजबूत है। हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद भी रखेंगे और गुजारिश करेंगे कि इसमें जल्द से जल्द सुनवाई हो। हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो नाइंसाफी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ 5 अगस्त 2019 को हुई, जो धोखा हुआ, कानून का धज्जियां उड़ाई गई उसका जवाब सुप्रीम कोर्ट से मिले।”