न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): सुप्रीम कोर्ट ने आज (22 मार्च 2023) बिल्किस बानो गैंगरेप मामले (Bilkis Bano Gangrape Case) में 11 दोषियों की सजा में छूट के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिये विशेष पीठ गठित करने पर सहमति ज़ाहिर की, जिसमें साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) के दौरान उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी शामिल है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud), न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला (Justice PS Narasimha and JB Pardiwala) की पीठ ने बिल्किस बानो की वकालत कर रही वकील शोभा गुप्ता (Advocate Shobha Gupta) को मामले में नई पीठ का गठन किया जायेगा। गुप्ता ने मामले की तत्काल सुनवाई का जिक्र करते हुए नई बेंच गठित करने की जरूरत के बारे में कोर्ट को बताया था, जिसके बाद सीजेआई ने कहा कि, “मैं एक बेंच का गठन करूंगा। आज शाम इस मामले को देखूंगा।”
बता दे कि इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात सरकार (Government of Gujarat) की ओर से सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली बानो की याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि संबंधित पांचों न्यायाधीशों की संविधान पीठ निष्क्रिय इच्छामृत्यु (पैसिव यूनेस्थिसिया) से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थी।
दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका के अलावा सामूहिक बलात्कार पीड़िता ने अलग से याचिका भी दायर की थी, जिसमें एक दोषी की याचिका पर शीर्ष अदालत के 13 मई 2022 के आदेश की समीक्षा की मांग की गयी थी।
शीर्ष अदालत ने 13 मई 2022 के अपने आदेश में राज्य सरकार से कहा था कि वो 9 जुलाई, 1992 की अपनी नीति के संदर्भ में समय से पहले रिहाई के लिये के एक दोषी की याचिका पर विचार करे, जो दोषसिद्धि की तारीख पर लागू थी और दो महीने की अवधि के भीतर मामले का फैसला करे।
बता दे कि मामले के सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने सजा में छूट दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को सभी आरोपियों को रिहा कर दिया था। हालांकि 13 मई 2022 के आदेश के खिलाफ बानो की समीक्षा याचिका (Review Petition) को शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में ही खारिज कर दिया था।