न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya में Science पढ़ाने वाली Contract teacher ने बड़ा फर्जीवाड़ा करते हुए,1 साल के दौरान प्रदेश सरकार से एक करोड़ रुपए का वेतन उठा लिया। खास बात ये रही कि, उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) के दस्तावेजों के मुताबिक, ये महिला एक साथ, एक ही समय में 25 स्कूलों के छात्रों को पढ़ा रही थी। इन सभी स्कूलों में महिला शिक्षिका की रियलटाइम उपस्थिति (Real time attendance) भी दर्ज है। KGBV स्कूलों में कांट्रेक्चुअल टीचर्स (Contractual teachers) की हाजिरी की ख़ास मॉनिटरिंग (Special monitoring of attendance) की जाती है, बावजूद इसके इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो गया। जांच के दौरान सामने आया कि, मैनपुरी निवासी अनामिका शुक्ला ने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।
इससे बड़ी हैरानी वाली बात तो तब सामने आई, जब स्कूल शिक्षा महानिदेशक (Director general of school education) विजय किरण आनंद ने बताया कि- उक्त महिला की (Posting) कहां है, इससे जुड़ी जानकारी विभाग के पास नहीं है। फिलहाल प्रदेश के अलग-अलग जिलों से मामले से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा की जा रही है।
सूत्रों से पता चला है कि, अनामिका शुक्ला अंबेडकरनगर (Ambedkar nagar), प्रयागराज, बागपत, सहारनपुर और अलीगढ़ के स्कूलों में एक साथ पढ़ा रही थी। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा उस दौरान हुआ, जब प्रदेश सरकार के मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर KGBV के कांट्रेक्चुअल टीचर्स का डाटा अपलोड किया जा रहा था। इस पोर्टल पर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों से जुड़ी कार्यालयी जानकारियां (Official information) संग्रहित की जाती है। डाटा अपलोड कर रहे कर्मचारियों की नज़र उस वक्त अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) के नाम पर पड़ी, जब उन्होंने देखा कि, ये महिला पिछले 1 साल से एक ही समय पर एक साथ 25 स्कूलों में पढ़ा रही है। ये स्थिति तब है, जबकि अध्यापकों को अपनी रियल टाइम अटेंडेंस प्रेरणा पोर्टल (Prerna Portal) पर मार्क करनी होती है। फिलहाल महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कर, विभिन्न जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के प्रबंधन से जानकारी मांगी गई है।
प्रत्येक जिले के हर ब्लाक में एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय होता है, जिनमें पढ़ाने वाले कांट्रेक्चुअल टीचर को तकरीबन ₹30000 का भुगतान राज्य सरकार करती है। इस तरह अनामिका शुक्ला पिछले 1 साल से 25 स्कूलों से हर महीने ₹30000 तनख्वाह उठा रही थी। जानकारी मिलते ही उच्च अधिकारियों (Higher officials) की ओर से महिला को दिया जाने वाला वेतन तत्काल प्रभाव (Immediate effect) से रोक दिया गया। महिला अध्यापिका से जुड़े सभी दस्तावेज जांच-पड़ताल और सत्यापन (Investigation and verification) के लिए भेज दिए गए हैं।