न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) के मेयर मुकेश सूर्यन ने कहा कि नवरात्रि (Navratri) के दौरान आज मंगलवार (5 अप्रैल 2022) से 11 अप्रैल तक मांस की दुकानों को खोलने की मंजूरी नहीं दी जाये और उन्होंने नगर आयुक्त (Municipal Commissioner) से उनके निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। ये पहली बार है जब नागरिक निकाय (Civic Body) ने नवरात्रि के दौरान अपने अधिकार क्षेत्र में मांस की दुकानों को बंद करने के लिये कहा है, जो 2-11 अप्रैल से मनाया जा रहा है। इस मामले में अभी आधिकारिक आदेश जारी होना बाकी है।
सूर्यन (Mayor Mukesh Suryan) ने मीडिया को बताया कि मांस की दुकानों को बंद करने के मामले में आधिकारिक आदेश जल्द ही जारी किया जायेगा और ऐसी दुकानों को “मंगलवार से खोलने की इज़ाजत नहीं दी जायेगी”। एसडीएमसी आयुक्त ज्ञानेश भारती (SDMC Commissioner Gyanesh Bharti) को लिखे खत में सूर्यन ने कहा कि जब वो नवरात्रि के दौरान मीट की दुकान के सामने से गुजरते है तो उन्हें ज़बरन मांस की गंध को सहन करना पड़ता है, इससे देवी दुर्गा की दैनिक पूजा, धार्मिक विश्वास और भक्तों की भावनायें प्रभावित होती हैं।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि की अवधि के दौरान, देवी दुर्गा (Goddess Durga) के भक्त सख्त शाकाहारी भोजन के साथ नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और साथ ही मांसाहारी खाद्य पदार्थों, शराब और कुछ मसालों के सेवन से भी परहेज करते हैं। सूर्यन ने खत में कहा कि इन दिनों लोग अपने खान-पान में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल भी छोड़ देते हैं और खुले में या मंदिरों के पास मांस बेचे जाने की तस्वीरें उन्हें असहज कर देती है।
सूर्यन अपने खत में लिखा कि- आम जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 2 अप्रैल 2022 से 11 अप्रैल 2022 तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव की नौ दिवसीय अवधि के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने के लिये कार्रवाई करने के लिये संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किये जा सकते हैं। कुछ मांस की दुकानें गटर में या सड़क के किनारे कचरा डंप करती हैं, जिसे आवारा कुत्ते खाते हैं और ये न सिर्फ अस्वच्छ है, बल्कि राहगीरों के लिये भी ये डरावनी तस्वीर पेश करता है।
सूर्यन ने कहा कि, मीट कटान के काम को नवरात्रि के रोका जा सकता है। मंदिरों के आसपास साफ-सफाई को देखते हुए एसडीएमसी अपने अधिकार क्षेत्र में नवरात्रि त्योहार की अवधि के दौरान मांस की दुकानों को बंद करवा सकती है। मंदिरों के पास मांस की दुकानों को बंद करना भी जरूरी है। एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में लगभग 1,500 पंजीकृत मांस की दुकानें हैं।