बिजनेस डेस्क (राजकुमार): बाजार नियामक सेबी (SEBI-Securities Exchange Board of India) ने आज (31 अगस्त 2022) बाजार नियामक प्राधिकरण के बिना सलाहकार सेवायें देने के लिये दो लोगों और दो संस्थाओं को सिक्योरिटी मार्केट में बैन कर दिया। नियामक ने कोर इन्वेस्टमेंट (मालिक दीपक बामने) और कोर ग्रुप (मालिक मतवार मेहरा) को तीन साल के लिये प्रतिभूति बाजारों (Securities Markets) से बैन कर दिया है।
सेबी को शिकायतकर्ता से मिले इंवेस्टमेंट के मामले में पेमेंट नहीं करने के लिये संस्थाओं के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद ये निर्देश आया।
सेबी ने इस मामले में जांच शुरू की और 26 नवंबर 2019 को ऐड एक्स पार्टे कम शो कॉज नोटिस (Add Ex Parte Cum Show Cause Notice) जारी किया और उन्हें निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट (Investment Advisor and Research Analyst) के तौर पर में काम करने से रोकने और रोकने का निर्देश दिया। साथ ही उन्हें अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट से बैन कर दिया।
सेबी ने पाया कि दोनों संस्थायें और उनके मालिक निवेश सलाहकार के तौर पर सेबी से पंजीकरण का प्रमाण पत्र हासिल किये बिना निवेश सलाहकार सेवायें देने में लगे हुए थे, जो कि साफतौर पर आईए (निवेश सलाहकार) नियमों के खिलाफ है। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इन दोनों संस्थाओं द्वारा इकट्ठा की जाने वाली रकम 76.23 लाख रूपये थी।
नियामक ने उन्हें निवेशकों (संयुक्त रूप से और अलग-अलग) से उनकी अपंजीकृत निवेश सलाहकार गतिविधियों (Unregistered Investment Advisory Activities) के मामले में लिये हुए शुल्क को तीन महीने के भीतर वापस करने का फरमान भी सुनाया। उन्हें इस आदेश की तारीख से तीन साल के लिये या निवेशकों को रिफंड के पूरा होने की तारीख से तीन साल की खत्म होने तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से सिक्योरिटी मार्केट में कामकाज करने के साथ-साथ लेनदेन करने पर भी रोक लगा दी है।
इसके अलावा डिबारमेंट अवधि (Debarment Period) की समाप्ति के दौरान या उसके बाद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सेबी से पंजीकरण का प्रमाण पत्र हासिल किये बिना निवेश सलाहकार सेवायें (Investment Advisory Services) या प्रतिभूति बाजार में कोई गतिविधि नहीं करेंगे।
इस बीच एक अलग आदेश में नियामक सेबी ने एसआई कैपिटल एंड फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड (SI Capital & Finance Services Limited) के मामले में नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने के लिये 9 संस्थाओं पर 10 लाख रूपये का जुर्माना लगाया।
इसी तर्ज पर सेबी ने एस्सार इंडिया लिमिटेड (Essar India Limited) के शेयरों में तरजीही आवंटन में धोखाधड़ी करने के लिये एक शख़्स पर 5 लाख रूपये का जुर्माना लगाया।