एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): लगातार बदलते स्ट्रेन के कारण कोरोना वायरस (Corona Virus) अभी भी वैज्ञानिकों के लिए बड़ी पहेली बना हुआ है। अभी तक ये गुत्थी सुलझ नहीं पायी कि, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक और बड़ी नयी चुनौती सामने आ गयी। समाचार एजेंसी एसोशिएट प्रेस के मुताबिक चीन में बनने वाली आइसक्रीम में कोरोना वायरस पाया गया है। इस खब़र से स्थानीय एजेंसियों के होश उड़े हुए है। खाद्य सामग्री में वायरस का पाया जाना बेहद गंभीर मामला माना जा रहा है। जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) के जानकार मानते है कि अगर वायरस ने खाद्य श्रृंखला में सेंध लगा दी तो, इसकी नतीज़ें बेहद गंभीर होगें।
पूर्वी चीन में बनने वाली आइसक्रीम के सैम्पलों और पूरे प्रोडक्शन बैच को स्थानीय अधिकारियों ने अपने कब़्जे में ले लिया है। इसके साथ ही इस बैच की जो आइसक्रीम मार्केट में उतारी गयी है, उसकी बिक्री पर तुरन्त रोक लगाते हुए उसकी वापसी सुनिश्चित की जा रही है। शुरूआती जांच में आइसक्रीम के तीन सैंपल्स में कोरोना वायरस के होने की पुष्टि की गयी है। इसके साथ ही आइसक्रीम बनाने वाली Daqiaodao Food Company की प्रोडक्शन यूनिट को सील कर दिया गया है। साथ ही काम करने वाले सभी कर्मचारियों का कोरोन टेस्ट करने की मुहिम भी शुरू कर दी गयी है। तियानजिन इलाके में बनी इस कंपनी में अभी तक किसी भी कर्मचारी के वायरस संक्रमित होने की पुष्टि नहीं की गयी है।
तियानजिन के प्रांतीय अधिकारियों के मुताबिक जिस आइस्क्रीम बैच में वायरस के होने की बात कही जा रही है, उसकी 29 हज़ार यूनिट्स तैयार की गयी थी। जिनमें से ज़्यादा कंपनी के पास ही स्टोर थी। जिन आइसक्रीम्स की बिक्री कर दी गयी, उन्हें ट्रैक कर वापस लाया जा रहा है। इसे बनाने में यूक्रेन से वे-पाउडर और न्यूजीलैंड से मिल्क पाउडर का आयात किया जाता था। कंपनी की ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक चैन, डीज़ फ्रीज स्टोरेज यूनिट और प्रोडक्शन बे (Production bay) की खास छानबीन की जा रही है। सैम्पल्स उठाने के बाद सैनिटाइजेशन का काम भी काफी जोर-शोर से किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि, जिस तापमान और वातावरण में आइसक्रीम बनायी जाती है, उसमें किसी भी तरह के जैवकीय अंश (Biological fraction) पनप नहीं सकते। आमतौर पर ऐसी जगहों को तापमान बेहद कम होता है। जहां वायरस के पनपे की संभावना तकरीबन ना के बराबर होती है। ऐसे में वहां वायरस की मौजूदगी काफी विचलित करने वाला मसला है। कयास ये भी लगाये जा रहे है कि बेहद कम तापमान के मुताबिक वायरस ने खुद को ढाल लिया हो। इस नतीज़े पर पूरे वैज्ञानिक आधार पर टेस्ट करने के बाद ही पहुँचा जा सकता है। कहीं ना कहीं इस खब़र ने चीन समेत पूरी दुनिया के लिए फिर से मुश्किलें खड़ी कर दी है।