नई दिल्ली (शौर्य यादव): जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Jammu and Kashmir’s separatist leader Yasin Malik) ने दिल्ली की तिहाड़ जेल (Delhi’s Tihar Jail) में अपने सेल के अंदर भूख हड़ताल शुरू कर दी है, उन्होनें आरोप लगाया है कि उनके मामले की ठीक से जांच नहीं हो रही है। खबरों के मुताबिक जेल के शीर्ष अधिकारियों ने मलिक से आमरण अनशन खत्म करने के लिये कहा, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
बीती 25 मई को दिल्ली की एक अदालत ने मलिक को एक आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके जुर्मों का इरादा भारत की सोच और दिल पर हमला करना था और साथ ही उनका इरादा जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को भारत संघ से जबरदस्ती अलग करना था।
अदालत ने जेकेएलएफ नेता को आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिये धन जुटाना) के तहत दो अपराधों के लिये उम्रकैद की सजा सुनायी। सुनवाई के दौरान मलिक ने दलील दी कि उन्होंने 1994 में हिंसा छोड़ दी थी। मलिक ने अदालत को बताया कि उन्होंने वीपी सिंह (VP Singh) के समय से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) तक सभी प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की, जिन्होंने उनसे बातचीत की और उन्हें राजनीतिक मंच दिया।
कोर्ट ने मलिक को आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121-ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और धारा 15 (आतंकवाद), 18 (आतंकी साजिश) और यूएपीए 20 के तहत आतंकवादी संगठन का सदस्य होने के नाते के तहत 10-10 साल की जेल की सजा सुनायी गयी।
साथ ही उन्हें यूएपीए की धारा 13 (गैरकानूनी कृत्य), 38 (आतंकवाद से जुड़ाव होने संबंधी अपराध) और 39 (आतंकवाद को समर्थन) के तहत पांच साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी। सभी सजाएं साथ-साथ चल रही हैं। यासीन मलिक को साल 2017 में कश्मीर घाटी को कथित आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधी एक मामले में सभी आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया था।