लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण का साक्षात् मूर्त स्वरूप है। भगवान के इस स्वरूप की सेवा वात्सल्य भाव से की जाती है, जो कि नवधा भक्ति (Navadha Bhakti) के अन्तर्गत भक्ति का सर्वश्रेष्ठ प्रकार है। लड्डू गोपाल की सेवा बिल्कुल बालकों की तरह की जाती है। अन्य प्रतिमाओं को स्थापित करने से पहले प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता है लेकिन जैसे ही आप लड्डू गोपाल को अपने घर लेकर आते है तो वे तुरन्त ही घर के सदस्य हो जाते है। यदि आपके घर में लड्डू गोपाल विराजमान है तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान
1: प्रथम तो ये बात मन में बैठाना बहुत जरूरी है कि जिस भी घर में लड्डू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वो घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए मेरा घर का भाव मन से समाप्त होना चाहिये अब घर लड्डू गोपाल जी का घर है।
2: दूसरी विशेष बात ये कि लड्डू गोपाल जी अब आपके परिवार के सदस्य है, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लड्डू गोपाल जी का परिवार है। अतः लड्डू गोपाल जी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाये।
3: परिवार के सदस्य की आवश्यक्ताओं के अनुसार ही लड्डू गोपाल जी की हर एक आवश्यकता का ध्यान रखा जायें।
4: एक विशेष बात ये कि लड्डू गोपाल जी किसी विशेष तामझाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वो उतने आपके अपने होते हैं।
5: प्रति दिन प्रातः लड्डू जी को स्नान अवश्य करायें किन्तु स्नान कराने के लिये इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी और गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान करता है, उसी तरह से लड्डू गोपाल जी के स्नान के लिए मौसम के अनुसार पानी का चयन करें, स्नान के बाद प्रतिदिन धुले स्वस्छ वस्त्र पहनायें।
6: जिस प्रकार आपको भूंख लगती है उसी प्रकार लड्डू गोपाल जी को भी भूंख लगती है अतः उनके भोजन का ध्यान रखे, भोजन के अतिरिक्त, सुबह का नाश्ता और शाम के चाय नाश्ते आदि का भी ध्यान रखे।
7: घर में कोई भी खाने की वस्तु आये लड्डू गोपाल जी को हिस्सा भी उसमें अवश्य होना चाहिए।
8: प्रत्येक मौसम के अनुसार लड्डू गोपाल जी के लिये सर्दी गर्मी से बचाव का प्रबन्ध करना चाहिये, मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिये।
9: लड्डू गोपाल जी को खिलौने बहुत प्रिय हैं, उनके लिए खिलौने अवश्य लेकर आये और उनके साथ खेलें भी।
10: समय समय पर लड्डू गोपाल जी को बाहर घुमाने भी अवश्य लेकर जाये। अगर आप घर से बाहर जा रहे और घर में कोई नहीं है तो उन्हें अवश्य अपने साथ ले जाये। घर में उन्हें अकेला कभी ना छोड़े। इसके साथ ही उन्हें घुमाना फिरना और सैरसपाटा (Picnic) करना बेहद जरूरी है, एक बार घर में लाकर उन्हें स्थापित कर देना भर ठीक नहीं है। नियमित तौर पर उन्हें घुमाना फिराना चाहिये।
11: गोपाल जी से कोई ना कोई नाता अवश्य कायम करें, चाहे वो भाई, पुत्र, मित्र, गुरु आदि कोई भी क्यों ना हो, जो भी नाता लड्डू गोपाल जी से बनाये उसको प्रेम और निष्ठा से निभाये।
12: अपने लड्डू गोपाल जी को कोई प्यारा सा नाम अवश्य दें।
13: लड्डू गोपाल से प्रेम पूर्वक बाते करें, उनके साथ खेलें, जिस प्रकार घर के सदस्य को भोजन कराते हैं उसी प्रकार उनको भी प्रेम से भोजन कराये। पहले लड्डू गोपाल को भोजन करायें उसके बाद स्वयं भोजन करें।
14: प्रतिदिन रात्रि में लड्डू गोपाल जी को शयन अवश्य कराये, जिस प्रकार एक छोटे बालक को प्रेम से सुलाते हैं उसी तरह से उनको भी सुलायें, थपथायें, लोरी सुनायें।
15: प्रतिदिन प्रातः प्रेमपूर्वक पुकार कर उनको जगायें।
16: किसी भी घर में प्रवेश के साथ ही लड्डू गोपाल जी में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है, इसलिए उनको मात्र प्रतिमा ना समझ कर घर के एक सदस्य के रूप में ही उनके साथ व्यवहार करें।
17: यूं तो प्रत्येक जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी की पूजा धूम-धाम से होती है, किन्तु अगर आपको वो तिथि पता है जिस दिन लड्डू गोपाल जी ने घर में प्रवेश किया तो उस तिथि को लड्डू गोपाल जी के जन्मदिन के रूप में मान कर प्रतिवर्ष उस तिथि में उनका जन्म दिन अवश्य मनाये, बच्चों को घर बुला कर उनके साथ लड्डू जी का जन्मदिन मनायें और बच्चों को खिलौने वितरित करें।
यूँ तो और भी बहुत से कार्य हैं जो भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार करते हैं, किन्तु अगर इन बातों पर ध्यान दिया जायें तो लड्डू गोपाल जी को सरलता से प्रसन्न किया जा सकता ।