बिजनेस डेस्क (राजकुमार): सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सात बैंकों का कंसोर्टियम ने पूर्व आम्रपाली ग्रुप (Amrapali Group) की रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने के लिये 1,500 करोड़ रुपये का लोन देगा।
सरकार के मालिकाना हक़ वाली एनबीसीसी (NBCC) ने आम्रपाली रुकी हुई परियोजनाओं और इंवेस्टमेंट रिकंस्ट्रक्शन एस्टेबलिसमेंट (एस्पायर) के तत्वावधान में सुप्रीम कोर्ट की खास देखरेख में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने का काम किया।
28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) की अगुवाई वाले सात बैंकों के बैंकों के कंसोर्टियम (Consortium Of Banks) ने आम्रपाली ग्रुप की रुकी हुई अचल संपत्ति परियोजनाओं (Real Estate Projects) के निर्माण के लिये 1,500 करोड़ रुपये का वितरण करने का निर्देश दिया।
इसी मामले पर एनबीसीसी ने अपने बयान में कहा कि एस्पायर और सात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सात बैंकों के बैंकों के कंसोर्टियम के बीच 29 मार्च को रुकी हुई आम्रपाली परियोजनाओं के लिये 1,500 करोड़ रुपये के लोन देने के समझौते पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
कंसोर्टियम में शामिल सात बैंक हैं – बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक।
एनबीसीसी ने आगे कहा कि, “अपने सपनों के घरों में पॉजेशन का इंतजार कर रहे लगभग 40,000 घर खरीदारों को इस प्रगतिशील पहल से खासा फायदा होगा।”
हाउसिंग ब्रोकरेज फर्म एनारॉक (Housing Brokerage Firm Anarock) को आम्रपाली ग्रुप के लगभग 5,400 बिना बिके फ्लैटों को बेचने का फरमान मिला। हाल ही में एनारॉक ने कहा कि उसने पहले ही 70 करोड़ रुपये में 150 रिहायशी घरों की बिक्री की सुविधा मुहैया करवायी है। ये बिक्री मुहिम मौजूदा पूरी इन्वेंट्री से 2,200 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कुल बिक्री बुकिंग की उम्मीद करता है।