Sex Advice: ये है हस्तमैथुन और नामर्दानगी का रिश्ता, इस्तेमाल करें ये कारगर टिप्स

आज के समय में युवा लोग तनाव और खानपान की वजह से कई सेक्स बीमारियों (Sex Diseases) से जूझ रहें हैं और उन सब बीमारियों में से एक है लिंग की नसों का कमजोर होनाछ आज के समय करीब 50% युवा लिंग की नसों की कमज़ोरी से परेशान है। सबसे पहले हम बात करते हैं की लिंग की नसें कैसी होती है और क्या काम करती है और कैसे काम करती है।

एक स्वस्थ पुरूष के लिंग में 50 से 60 हज़ार छोटी- छोटी नसें होती है जो बहुत ही बारीक होती है धागे जैसी। एक इंसान के द्वारा सेक्स करने के लिये इन नसों का सही से कार्य करना बेहद बहुत ज़रूरी होता है। इन नसों के सही नही होने की अवस्था में सेक्स के बारे में सोचना भी नामुमकिन है।

सेक्स के दौरान लिंग का उत्तेजित होना और सख़्त होना इन नसों पर ही निर्भर करता है। सेक्स करने के ले जब पुरूष महिला के साथ संपर्क में आता है तो उत्तेजना से टेस्टेरॉन हार्मोन एक्टिव (Testosterone Hormone Active) हो जाता है। टेस्टेरॉन हार्मोन का काम है शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन को बढ़ाना।

ये हार्मोन पूरे शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन को बढ़ा देता है और जब लिंग की नसों में ये ब्लड का सर्क्युलेशन पहुँचता है तो नसें फूल जाती है और लिंग भी फूल जाता है और लिंग का साइज़ भी नॉर्मल साइज़ का तीन गुना हो जाता है। लिंग का उत्तेजित होना इस बात पर निर्भर करता है कि लिंग की नसों में कितना ब्लड सर्क्युलेट हो रहा है।

कुछ लोगों के दिमाग़ में सवाल आ रहा होगा कि लिंग का फुल साइज़ कैसा होता है तो उसका जवाब ये है कि जब आपका लिंग का फुल साइज़ बनता है तो लिंग के आगे की स्किन (कैप) 1-2 इंच पीछे हट जाती है और लिंग थोड़ा बाहर निकल आता है।

इन नसों का दूसरा और सबसे ज़रूरी काम है लिंग को सख़्त करना। सभी लोग जानते हैं कि लिंग में कोई हड्डी नही होती। सेक्स के दौरान लिंग का सख़्त होना इस बात पर निर्भर करता है कि इन नसों में कितनी तेज़ी से ब्लड सर्क्युलेट कर रहा है। नसों में जितनी तेज़ी से ब्लड सर्क्युलेट (Blood Circulation) करेगा लिंग उतना ही सख़्त बना रहेगा। सेक्स के दौरान लिंग का साइज़ और सख़्त होना आपके लिंग की नसों पर ही निर्भर करता है।

इन नसों का कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है मास्टरबेशन (हस्तमैथुन) कुछ लोग 13-14 की उम्र से ही मास्टरबेट करना शुरू कर देते है। जब कोई पुरूष हस्तमैथुन करता हैं तो टेस्टेरॉन हार्मोन एक्टिव नही होता है और लिंग को हाथ से रगड़ रगड़ कर ही लिंग को उत्तेजित किया जाता है।

हाथ से रगड़ने से घर्षण की वजह से लिंग की ये छोटी छोटी नसें गरम होकर लाल हो जाती है और हस्तमैथुन के आखिर समय में स्पर्म जल्दी ना निकल जाये इसलिए लिंग को हाथ से दबाते हैं। इसी समय ये गर्म हुई लाल नसें हाथ के दाब से दब जाती है, कुछ पिचक जाती है और कुछ बिल्कुल ही दब जाती है और यहीं से शुरुआत होती है यौन कमज़ोरियों की।

इन नसों के कमजोर होने का दूसरा कारण है सोते समय लिंग को रगड़ कर तकिये से दबाना। गरम लिंग को तकिये से दबाने से भी लिंग की नसें दब जाती है और कमज़ोरी आना शुरू हो जाती है। नसों के कमजोर होने का तीसरा कारण है सेक्स के तुरंत बाद लिंग को पानी से धोना। सेक्स के तुरंत बाद लिंग को ठंडे पानी से धोने की वजह से भी लिंग की नसें कमजोर पड़ जाती है। इसलिए कभी भी सेक्स के तुरंत बाद लिंग को ना धोयें। अगर लिंग को साफ करना ज़रूरी भी हो तो सादे टिश्यू पेपर का इस्तेमाल कर या फिर कम से कम आधे घंटे बाद पानी से धोये।

नसों के कमजोर होने का चौथा कारण है मधुमेह (डायबिटीज)। डायबिटीज ज़्यादा होने से और मेडिसिन लेने की वजह से भी लिंग की नसें कमजोर हो जाती है।

लिंग की नसें कमजोर होने से होते ये नुकसान

• लिंग की नसें दबने की वजह से लिंग का विकास रुक जाता है क्योंकि नसें दबने की वजह से ब्लड का सर्क्युलेशन कम हो जाता है जिससे ऑक्सीजन का सर्क्युलेशन भी कम हो जाता है और लिंग का साइज़ बढ़ना रुक जाता है। लिंग बहुत छोटा सा हो जाता है और चिपका सा बेजान रहता है।

• लिंग की नसें दबने की वजह से सेक्स के समय लिंग का फुल साइज़ नही बनता और सेक्स का आनंद बहुत ही कम हो जाता है और कई बार सेक्स करते हुए फुल साइज़ नही बनता और सेक्स के बीच में ही लिंग बाहर निकल जाता है।

• लिंग की नसें दबने की वजह से ब्लड का सर्क्युलेशन बहुत ही कम हो जाता है। जिससे लिंग सख़्त होना कम हो जाता है और सेक्स का फुल एंन्जॉय नही आता। कई बार ज़्यादा कमज़ोरी आने की वजह से लिंग सख़्त होना बंद हो जाता है और लिंग उत्तेजित ही नहीं होता और नपुंसकता आ जाती है। इसी को नामर्दी भी कहा जाता है।

लिंग की नसों की कमजोरी करें इस तरह दूर

• नसों की कमज़ोरी को दूर करने का सबसे आसान तरीका है दूध और इलायची। इसके लिए 300 एमएल दूध ले और इसमें 8-10 छोटी इलायची अच्छे से कूटकर डालें और 10 मिनट तक उबालें। उसके बाद दूध को थोड़ा ठंडा कर उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालें और पी लें। 15 दिन में ही असर महूसस होने शुरू हो जायेगा। अच्छा रिज़ल्ट पाने के लिए 4-6 महीने तक ये तरीका अपनाना पड़ेगा।

• नसों की कमज़ोरी को दूर करने का दूसरा तरीका है सफेद मुसली। इसके लिए 300 एमएल दूध ले और 05 ग्राम मुसली डाल कर 10 मिनट तक उबालें उसके बाद दूध को थोड़ा ठंडा कर पी लें। 15 दिन में ही आपको असर आना शुरू हो जायेगा। अच्छा रिज़ल्ट पाने के लिये 4-6 महीने तक ये तरीका अपनाना पड़ेगा।

• रनिंग, जॉगिंग, क्रिसक्रॉस वॉक और थाई की कसरतें भी पीनियल मसल्स को मजबूत करने का काम करती है। जिससे ब्लड फ्लों शरीर के निचले हिस्से में तेजी से होता है और लिंग की नसों को रवानगी मिलती है।

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