Sex Life: जानिये orgasm के बारे में सबकुछ, इसके बिना सब बेकार

लाइफ स्टाइल डेस्क (देविका चौधरी): भारत में अक्सर लोग सैक्स लाइफ में चरमसुख (orgasm) की अनुभूति को लेकर कई भ्रान्तियां पाले बैठे है। पुरूष स्खलन और चरमसुख की अनुभूति बेहद सरल है, जबकि महिलाओं को वैजाइनल डिस्चार्ज और ऑर्गेज़्म काफी कॉम्प्लेक्स मसला है। ड्यूरेक्स कॉन्डोम द्वारा किये सर्वे के मुताबिक 70 फीसदी भारतीय पुरूष अपनी महिला पार्टनर को ऑर्गेज़्म का सुख दे पाने में नाकाम रहते है। महिला पार्टनर अपने पुरूष साथी का अहं तुष्ट करने के लिए ऑर्गेज़्म होने का दिखावा करती है। इसी मुद्दे को लेकर हाल ही के सालों में क्लिटोरियल, जी स्पॉट और वैजाइनल ऑर्गेज्म (Clitorial, G-spot and vaginal orgasm) जैसी अवधारणायें सामने आयी। आइये आज इस मुद्दे पर खुलकर बात करें।

कैसा फील होता है, ऑर्गेज़्म महिला पार्टनर में

महिलाओं को होने वाले ऑर्गेज़्म उनके शरीर में एक सिहरन भरी लहर पैदा होती है। जो कि उनके चेहरे और आंखों को देखकर अच्छे पता लगाया जा सकता है। सैक्स के दौरान वैजाइनल डिस्चार्ज (Vaginal discharge) काफी बढ़ जाता है। पेनिट्रेशन के दौरान महिला अपने पुरूष साथी को बुरी तरह जकड़ने लगती है। साथ ही ब्लड प्रेशर एकाएक बढ़ जाता है। जांघ, निंपल्स, वैजाइना और दूसरे सेंसिटिव पार्ट्स में मसल्स कॉन्ट्रेशन शुरू हो जाता है। ऑर्गेज़्म 5 सैकेंड से लेकर एक मिनट तक भी महसूस होता है। साथ ही ये सिंगल और मल्टीपल नेचर का भी हो सकता है। महिलाओं में इन लक्षणों को ही सैक्स की चरमावस्था माना गया है।

इस तरह महिला पार्टनर को दे, ऑर्गेज़्म का सुख

  • बेहतरीन सैक्स परफॉर्मेंस ही ऑर्गेज़्म तक ले जा सकती है। अगर पुरूष हड़बड़ी में हार्डकोर सैक्स करें तो समझ लीजिए मामला जल्द ही गड़बड़ा जायेगा। सैक्स टाइम का लंबा खिंचाव और पार्टनर की सेक्सुअल चाह इसमें काफी अहम किरदार है।
  • फोर प्ले और पेनिट्रेशन (Four play and penetration) का अन्तर इस तरह समझिये कि, फोर प्ले मेनकोर्स है और पेनिट्रेशन एक तरह अचार और सलाद। आपकों मेनकोर्स पर ज़्यादा फोकस करना है। जिसकी अनदेखी भारतीय पुरूष आमतौर पर करते है (ड्यूरेक्स कॉन्डोम द्वारा किये सर्वे के मुताबिक)। मसाज़, किसिंग, जेन्टल टच और उंगलियों के जादू को पर्याप्त मौका दे।
  • अगर आपकों लगे कि लगाम हाथों से छूटने वाली है तो सांस पर काबू पाते हुए, खुद को थोड़ा रेस्ट दे। रेस्ट के दौरान ऊपरी लिखी सलाह पर गौर करते हुए उसे जारी रखे। इसके बाद एकदम से ही टॉप गियर में ना जाये। धीरे-धीरे आगे बढ़े। मंजिल पर पहुँचने से पहले थोड़ा ब्रेक लगाये। इसके बाद आप मन चाहे ढंग से स्पीड दे सकते है।
  • इसके बाद आप देखेगें कि, आपकी महिला साथी में ऑर्गेज़्म के लक्षण उभर रहे है तो उसे अकेला ना छोड़े। इस रूमानी अहसास को महसूस करने में उसकी मदद करें। उसे हल्के हाथों से सहलाये। उनकी आंखों में झांके।

अगर आप महिला पार्टनर को ये रूमानी अहसास नहीं कर पाते है तो उनमें सेक्सुअल डिफंक्शन के लक्षण उभरने लगते है। इसके साथ ही दिमागी चिड़चिड़ापन और कुढ़न सो अलग से। जिससे आपकी निजी ज़िन्दगी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। भारतीय परम्परिक समाज में कई महिला पार्टनर इसके लिए पुरूष साथियों से काफी बात नहीं करती, लेकिन उनकी चाह ऑर्गेज़्म महसूस करने की होती है। क्लीनिकल एनॉटमी जनरल (Clinical anatomy Journal) में छपी रिपोर्ट के मुताबिक महिला पार्टनर को हर बार ऑर्गेज़्म को हासिल कर सकती है, बशर्तें पुरूष साथी उन्हें सही तरीके से सही जगह उत्तेजित करे तो। और ये करना कैसे हो इसका जिक्र आर्टिकल में कर दिया गया है।

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