बिजनेस डेस्क (राजकुमार): Share Market: अपनी तेजी जारी रखते हुए भारतीय शेयर सूचकांक आज (13 जुलाई 2023) सुबह नई ऊंचाई पर पहुंच गया और इस दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स 66,000 अंक के स्तर को पार कर गया। ये खब़र लिखे जाने तक सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex and Nifty) लगभग 1 फीसदी ऊंचे अंकों पर थे, सेंसेक्स 66,018 अंक और निफ्टी 19,562 अंकों के साथ बेहतरीन तेजी में दिखा।
आज (13 जुलाई 2023) सुबह निफ्टी 50 में से 37 कंपनियां आगे बढ़ीं और बाकी लाल निशान में रहीं। टीसीएस, हिंडाल्को (Hindalco), एलटीआईमाइंडट्री, इंफोसिस और टेक महिंद्रा (Infosys and Tech Mahindra) टॉप गेनर में रहे। विदेशी फंडों के लगातार प्रवाह, मजबूत आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति में आयी नरमी ने भारतीय शेयरों को अच्छी खासी रफ्तार मुहैया करवायी। हालाँकि कई विश्लेषक इस ओर इशारा करते रहे हैं कि मौजूदा स्तर से आगे किसी भी तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि मूल्यांकन ऊंचे स्तर पर है।
शेयर बाजारों में चल रहे वैश्विक रैली को जून के लिये नवीनतम अमेरिकी उपभोक्ता मुद्रास्फीति (US consumer inflation) से और हल्का बढ़ावा मिलेगा, जो कि 3 फीसदी पर आ गयी है, जो कि बाजार की उम्मीद 3.1 फीसदी से बेहतर है। अहम बात ये है कि मुख्य मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत से नीचे आ गयी है। ये साफ इशारा है कि अमेरिका में अवस्फीति की प्रक्रिया जारी है और फेड को 26 जुलाई के निर्धारित वाली दर के फैसले को एक बार फिर रोकने के लिये राजी किया जा सकता है।
उच्च मूल्यांकन को देखते हुए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि भले ही ये कारोबारी संकेत सकारात्मक हों, लेकिन ये उच्च मूल्यांकन तेजी की रफ्तार को रोकते है। बीते जून महीने में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में इजाफे पर ये अपेक्षित थी क्योंकि सब्जियों और दूध की कीमतें बढ़ गयी थीं। इसी पैटर्न को उलटते हुए देश में खुदरा मुद्रास्फीति जून में काफी बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गयी, जिसकी बड़ी वज़ह सब्जियों की कीमतों में तेज उछाल था। ग्रामीण और शहरी इलाकों में मंहगाई का सूचकांक (Inflation Index) क्रमशः 4.72 प्रतिशत और 4.96 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
मुद्रास्फीति में बढ़ोत्तरी को आंशिक तौर पर पूरे देश में टमाटर की कीमतों में मौजूदा उछाल के लिये जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। टमाटर की कीमतों में इज़ाफा पूरे देश में दर्ज किया गया है, ना कि सिर्फ किसी विशेष इलाके या भूगोल तक। कई बड़े शहरों में इसके दाम बढ़कर 150-160 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये। सब्जियां, मांस और मछली के अलावा अंडे, दालें और मसाला उत्पादों के दामों में भी सीधा उछाल देखा गया है।
जून 2023 में उपभोक्ता मुद्रास्फीति मुख्य रूप से अनाज, दूध की वस्तुओं और मसालों के खाद्य घटकों के कारण बढ़ी, जबकि ईंधन से मंहगाई का दबाव काफी हद तक कम हो गया। आने वाले महीनों में कुछ खाद्य उत्पादों, खासतौर से सब्जियों और फलों के दामों में लगातार उछाल देखे जाने की उम्मीद है। हालांकि रुपये की स्थिरता और थोक कीमतों के साथ मजबूत आयात मुद्रास्फीति से उपभोक्ता मूल्य वृद्धि को संतुलित करने में खासा मदद मिलेगी। मुद्रास्फीति का स्तर आरबीआई (RBI) के 2-6 प्रतिशत के कम्फर्ट बैंड के भीतर रहने के साथ मुद्रास्फीति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये सबसे बड़ी चिंता नहीं है।