न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): कर्नाटक के शिवमोग्गा (Shivamogga of Karnataka) में जिला प्रशासन द्वारा इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने के बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए है। फिलहाल जिले में लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर एक साथ इकट्ठा होने से रोक दिया गया है। सड़क पर झड़प होने के बाद धारा-144 को लागू किया गया। हालात संभालने के लिये पुलिस को भीड़ पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
शिवमोग्गा में ये विवाद तब पैदा हुआ जब कुछ लड़कों ने वीर सावरकर (Veer Savarkar) के पोस्टर को हटाकर उसकी जगह टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) के पोस्टर लगाने की कोशिश की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिये मौके पर पहुँचे भारी पुलिस बल को लोगों पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
स्वतंत्रता दिवस 2022 पर अमीर अहमद सर्कल (Amir Ahmed Circle) में वीर सावरकर का पोस्टर लगाये जाने के तुरंत बाद ये विवाद शुरू हो गया। ये बताया जा रहा है कि टीपू सुल्तान फॉलोवर्स के एक गुट ने सावरकर के बैनर को हटाने की कोशिश की।
मामले पर पुलिस ने कहा कि, “टीपू सुल्तान के अनुयायियों के एक गुट ने शहर के अमीर अहमद सर्कल में टीपू सुल्तान के बैनर लगाने के लिये वीडी सावरकर के बैनर हटाने की कोशिश करने के बाद अगले तीन दिनों के लिये सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी।”
बता दे कि इसी तरह के एक अन्य मामले में कर्नाटक पुलिस ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिये स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों को कथित तौर पर फाड़ने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। 15 अगस्त को कांग्रेस के ‘फ्रीडम वॉक’ कार्यक्रम के तहत हडसन सर्कल (Hudson Circle) के नृपतुंगा रोड (Nripatunga Road) पर टीपू सुल्तान के एक फ्लेक्स बोर्ड पर छपी छवि को कथित तौर पर तोड़ने को लेकर लोगों के गुट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
कर्नाटक में अखबार में एक विज्ञापन छपने के एक दिन बाद सूबे में भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) के बीच राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। भाजपा सरकार ने कई स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में अखबार में एक विज्ञापन छपवाया था, जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) का नाम शामिल नहीं था।
भाजपा ने बाद में कहा कि पंडित नेहरू का नाम हर घर तिरंगा अभियान के विज्ञापन में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि वो भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) विभाजन के लिए जिम्मेदार थे। जिसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने इस बयान की आलोचना की थी।