नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर गाहे-बगाहे भारत की खिलाफ आग उगलते रहते है। अब इस फेहरिस्त में रावल पिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) का नाम भी जुड़ता दिख रहा है। दोनों ही खिलाड़ी क्रिकेट के मैदान से निकलकर सियासी जंगबाज़ी के अखाड़े में कूद पड़े है। इस बार रावलपिंडी एक्सप्रेस (Rawalpindi Express) ने बयानबाज़ियों का आतिशी बाउंसर फेंका है। पाकिस्तानी मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होनें कहा- पाकिस्तानी ऑर्मी (Pakistani army) का बजट हर हाल में बढ़ना चाहिए भले ही इसके लिए मुझे घास की रोटियां खानी पड़े।
मिलिट्री और आम नागरिकों की भागीदार पर बोलते हुए उन्होनें ने कहा- ऑर्मी, सिविल इंस्टीट्यूशन और आम लोग मिलकर काम क्यों नहीं कर सकते। अगर ऊपर वाले ने मुझे कभी कुव्वत से नव़ाजा तो, मैं घास की रोटियां खाकर भी ऑर्मी का बजट बढ़ाऊंगा। चीफ़ ऑफ ऑर्मी को अपने साथ बैठाकर फैसले लेने के लिए कहूंगा। हुकूमती इदारों में प्रेशर डलवाकर नयी डिफेंस टेक्नीक (New defense technic) पाकिस्तान लाऊंगा।
हाल ही के दिनों में शोएब अख़्तर काफी अजीबोगरीब बयान देने लगे है। एक अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया समूह (International Media Group) के पॉडकास्ट कार्यक्रम के दौरान उन्होनें कहा कि- मुझे कभी नूरा कुश्ती करने का शौक नहीं रहा। खिलाड़ियों पर अपना प्यार ज़ाहिर करने के लिए मैंने एक अलग ही किस्म का रास्ता अख़्तियार किया था। जब मैं किसी को तहे दिल से पसन्द करता हूँ तो, उन्हें जानबूझकर घायल करता हूँ। आप लोगों को ये ज़ाहिलपना लग सकता है। लेकिन ज़वानी के दिनों में, मैनें ऐसी बेवकूफियां की है। इन्हीं हरकतों की वज़ह से मैंने खेल के दौरान युवराज सिंह की बैक, शाहिद अफरीदी का कंधा और अब्दुल रज्जाक की हेमस्ट्रिंग (Hemstring) को घायल किया।
चंद रोज पहले भी विवास्पद बयान देते हुए शोएब अख्तर ने सनसनीखेज खुलासा किया और बताया कि, कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान उन्होनें काउंटी क्रिकेट खेलने के बड़े ऑफर को नकार दिया था। उस दौरान वो पाक सेना की ओर से भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते थे। शोएब सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है। साथ ही विवादस्पद बयान देते रहते है। विरेन्दर सहवाग (Virender Sehwag) और उनके बीच की नोक-झोंक को नेटीजंस (Netizens) खासा पसन्द करते है।
दिलचस्प है कि, पाकिस्तान में घास की रोटियां खाने वाली रवायत पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के जमाने से चली आ रही है। पाकिस्तान परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर एक बार जुल्फिकार अली भुट्टो ने कहा था कि- पाकिस्तान के लोगों को अगर घास की रोटी खानी पड़े तो भी मंजूर है, लेकिन हमें अब परमाणु बम बनाना ही है।