न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): हाल ही में बीते शनिवार (3 जुलाई 2021) को हुआ बड़ा सौर विस्फोट शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट (Shortwave Radio Blackout) का कारण बना। इससे पहले साल 2017 में इसी तरह की ब्रह्मांडीय परिघटना (Cosmic Phenomenon) देखी गयी थी। ये विस्फोट सूरज की सतह से फूटा जो कि करीब आठ मिनट चलता रहा। इससे धरती का वातावरण धंस गया। ये एक्स-रे का विस्फोट प्रकाश की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ा। इस असर धरती के ऊपरी वायुमंडल पर पड़ेगा। जिसके टकराने से अटलांटिक महासागर और तटीय इलाकों में शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट बना।
रिपोर्टों के मुताबिक सौर विस्फोट के भड़कने से ब्रह्मांडीय आतिशबाजी होती है। इसी वज़ह से 4 जुलाई से पहले पृथ्वी पर एक मामूली रेडियो ब्लैकआउट हुआ। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा जारी एक वीडियो में बताया गया कि ये गतिविधि सूर्य के दाहिनी हिस्से में भड़कती हुई दिखी।
यूएस स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) के अधिकारियों के मुताबिक सनस्पॉट रातोंरात विकसित हुआ। सोलर फ्लेयर का AR2838 नाम दिया गया और इसे X-1 क्लास सन इवेंट के रूप में क्लासीफाइड किया गया। अंतरिक्ष मौसम पर नजर रखने वाले और खगोलशास्त्री डॉ टोनी फिलिप्स के अनुसार सनस्पॉट सूरज पर ये बादल रहित दिन की तरह दिखाई दिया, जो जल्द ही तूफान में तब्दील हो गया। कल तक तो इसका वजूद भी नहीं था। ये एकाएक सामने आया। गतिविधि का आकलन करने पर लगता है कि ये और ज़्यादा भड़क सकता है।
नासा के अनुसार सोलर फ्लेयर विकिरण (Solar Flare Radiation) एक तीव्र विस्फोट है, जो सनस्पॉट से जुड़ी चुंबकीय ऊर्जा के छूटने से पैदा होता है। सोलर फ्लेयर रेडिएशन सौर मंडल की सबसे बड़ी विस्फोटक घटनायें हैं और सूर्य पर इसे चमकीले सफेद इलाके के तौर पर स्पॉट किया जा सकता है। जो कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक चलती हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से सामने आया कि- सनस्पॉट AR2838 उतनी ही तेजी से गायब हो गया जितनी तेजी से ये बना। ऑप्टिक फ्लक्स ने बताया कि 4 जुलाई को सनस्पॉट सूर्य के उत्तर-पश्चिमी वाले हिस्से में चला गया और ये आने वाले दो हफ्तों में सूर्य से दूर चला जायेगा।