न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): New Year 2022: लोग नये साल का स्वागत कर रहे हैं। जब 2019 खत्म होकर 2020 आने वाला था तो कहा गया कि नया साल टेस्ट मैच की तरह नहीं बल्कि टी20 मैच की तरह होना चाहिये लेकिन लोगों के अरमानों पर उस वक़्त पानी फिर गया जब साल 2020 में लोगों का ज़्यादातर वक़्त लॉकडाउन (Lockdown) में घरों के अंदर ही बीता। इसी तरह जब 2020 खत्म होकर 2021 शुरू होने वाला था तो सभी को उम्मीद थी कि ये साल पिछले साल की मुकाबले में हर लिहाज से बेहतर साबित होगा। लेकिन वैसा नहीं हुआ। और इस साल भारत की जनता ने मौत का तांड़व देखा। जिसे ज़्यादातर लोग अपने दिमाग से निकलना चाहेगें।
जलती चिता की तस्वीरों ने हमारे देश के लोगों को कई महीनों तक सोने नहीं दिया। ऑक्सीजन के लिये लगी कतारों ने जिंदगी के असली मायने बदल दिये और इस दौरान काफी लोग हमसे दूर हो गये। इसलिए आज हम सबसे पहले उन लोगों को श्रद्धांजलि देना चाहेंगे जिनकी बीते साल COVID-19 से मौत हुई। हम उन लोगों को भी सलाम करना चाहते हैं, जो कोविड (Covid-19) के खिलाफ जंग जीतकर सुरक्षित घर लौट आये हैं और उन फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टरों को भी सलाम करना चाहते हैं जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर करोड़ों लोगों की जान बचायी।
वैसे तो कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता लेकिन आज के दिन दिल कहता है कि, साल 2022 पिछले दो सालों से ज्यादा शुभ रहेगा और इसका एक कारण इसकी संख्या में भी छिपा है। 2022 के चारों अंक सम संख्याएं हैं।
सम संख्यायें (Even Numbers) वो होती हैं जिन्हें दो से भाग किया जा सकता है या जिन्हें दो समान संख्याओं में बांटा जा सकता है। मिसाल के तौर पर अगर आप दो को दो भागों में बांटते हैं तो ये एक हो जायेगा। अगर आप चार को भाग करते हैं तो ये दो हो जाएगा। और अगर आप 10 को विभाजित करते हैं तो पाँच पाँच हो जाते हैं। यानि संतुलन का सिद्धांत (Principle Of Balance) सम संख्याओं में छिपा होता है और यही वज़ह है कि कई वैज्ञानिक अध्ययनों में ये बात सामने आयी है कि सम संख्यायें पॉजिटिव एनर्जी (Positive Energy) और विचारों को बढ़ाती हैं।
यूके में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) में किये गये एक अध्ययन में लोगों को 1 से 100 तक के नंबर दिखाये गये और पूछा गया कि इनमें से कौन सा नंबर देखकर उन्हें कैसा लगा। इस दौरान लगभग सभी ने कहा कि सम अंक उन्हें ज़्यादा संतुलित और शांत महसूस कराती हैं। 1, 3 और 5 जैसी विषम संख्याओं को देखने पर वो तनावग्रस्त महसूस करते हैं और इसका उल्लेख हिंदू धर्म (Hindu Religion) में भी मिलता है।
जैसे हिंदू धर्म में चार वेद हैं। ये सम संख्या है। ऋग्वेद में 10 मंडल यानि 10 अध्याय हैं। ये भी सम संख्या है। हिंदू धर्म में दो महाकाव्य हैं रामायण और महाभारत। ये भी सम संख्या है। भगवान विष्णु के 10 अवतार हैं और 10 भी सम संख्या है। हिंदू धर्म में चार धाम हैं और चार भी सम संख्या है। ज़्यादातर हिंदू देवता जोड़े में हैं। राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती और राम-सीता की तरह। गणेशजी के भी दो पुत्र हुए, शुभ और लाभ और ये भी सम संख्या है।
हिंदू दर्शन में जीवन की पूरी वास्तविकता को भी सिर्फ दो शब्दों में विस्तार से समझाया गया है और ये दो शब्द हैं आत्मा और परमात्मा। यानि अगर आप खुद को और भगवान को जान लेंगे तो आप जीवन को समझ पायेगें। यानि कुल मिलाकर जीवन का सारा सिद्धांत सम में ही छिपा है और आप उम्मीद कर सकते हैं कि सम संख्या वाला नया साल आपके लिये शुभ और सकारात्मक विचारों से भरा होगा।