नई दिल्ली (शौर्य यादव): कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Congress interim president Sonia Gandhi) ने आज (8 सितंबर 2021) बढ़ती महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और इसे किसानों और आम लोगों के प्रति असंवेदनशील बताया। आज कांग्रेस संसदीय दल की बैठक (Congress Parliamentary Party Meeting) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “आइये हम उन 700 किसानों का सम्मान करें जिन्होंने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के दौरान अपने प्राणों की आहूति दी। केंद्र सरकार किसानों और आम लोगों के प्रति असंवेदनशील है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हर महीने होने वाला इज़ाफा परिवार के बजट को बिगाड़ रहा है।
उन्होंने आगे बैठक में कहा कि, “केंद्र भारत की संपत्ति बेचने में विश्वास करता है। सरकार द्वारा कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (Public Sector Undertakings) को खत्म किया जा रहा है।” सोनिया गांधी ने संसद के निलंबित 12 सदस्यों के साथ भी एकजुटता व्यक्त की और कहा कि राज्यसभा के सभापति (Chairman of Rajya Sabha) का ये कदम “अभूतपूर्व और अस्वीकार्य” है। कांग्रेस की ये बैठक संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा के 12 सांसदों को ‘अनियंत्रित आचरण’ के लिये निलंबित किये जाने के विरोध के बीच हो रही है। इन सांसदों को पिछले सप्ताह निलंबित कर दिया गया था।
12 निलंबित सांसदों के समर्थन में विपक्षी सांसद आज (8 दिसंबर 2021) संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देंगे। निलंबित सदस्यों में कांग्रेस से छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो सांसद शामिल है। साथ ही सीपीआई और सीपीएम से एक-एक शामिल हैं। इन बारह सांसदों में शामिल है कांग्रेस के फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह, सीपीएम के एलाराम करीम, भाकपा के बिनॉय विश्वम, टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना से अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी।
बता दे कि बीते 29 नवंबर को अगस्त में मानसून सत्र के आखिर में कथित अनियंत्रित आचरण (Uncontrolled Conduct) के लिये सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था, जब सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 के पारित होने के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन के वेल पर धावा बोला था। जिसके बाद मार्शलों को बुलाया गया था।