एंजेसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने शुक्रवार (16 अप्रैल) को ऐलान किया कि, एलन मस्क की स्पेस एक्स (SpaceX) को 2.9 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। जिसके तहत कंपनी नासा के लिए पहला कर्मिशियल मून लैंडर विकसित करेगी। जो कि दो अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर ले जायेगा। डीपीए समाचार एजेंसी के मुताबिक ये कॉन्ट्रैक्ट नासा के आर्टेमिस मिशन का हिस्सा है। जिसके अर्न्तगत साल 2024 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा से वापस लाना है। माना जा रहा है कि मंगल ग्रह की ओर इंसानी कदमों को बढ़ानों के लिये ये अपने किस्म का पहला मानव मिशन है।
इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए स्पेसएक्स को अमेज़न के संस्थापक जेफ बेजोस की निजी अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन और डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर कंपनी डायनेटिक्स (Defence Contractor Company Dynamics) से कड़ी टक्कर लेनी पड़ी। जैसे ही ये डील स्पेस एक्स ने क्रैक की तो एलन मस्क ने ट्विट कर लिखा कि “NASA Rules!!” चांद की सतह पर उतरने के लिए स्पेसएक्स ने जो खास स्टारशिप डिजाइन किया है, इसमें एक बड़ा केबिन और मूनवॉक के लिये दो एयरलॉक बनाये है। इसके डिजाइन को कई बार लैडिंग और लॉन्चिंग किये जाने के मकसद से तैयार किया गया है। जिसका इस्तेमाल भविष्य के मून और मार्स मिशनों के लिये होगा।
नासा अपने ओरियन अंतरिक्ष मिशन (Orion Space Mission) के दौरान इस यान की मदद से चार अंतरिक्ष यात्रियों को चांद की कक्षा में भेजेगा। जहां अंतरिक्ष यात्री अपने सफर के आखिरी पड़ाव में स्पेसएक्स मानव लैंडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करेगें। इस तकनीक और डिजाइन का इस्तेमाल ओरियन के समाप्त होने से पहले होगा। इस दौरान दो अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने से पहले लगभग एक हफ़्ते तक चांद की सतह पर जरूरी जांच पड़ताल करेगें। करीब 50 साल से ज्यादा का समय बीतने पर ये लोग चांद की सतह पर उतरने वाले पहले लोग होगें।
माना जा रहा है कि इस मिशन में दो लोगों में से एक महिला हो सकती है। नासा के मिशन आर्टेमिस का मकसद चंद्रमा की रंगीन सतह से लोगों को वापस सही सलामत धरती पर लाना है। अमेरिका साल 1969 से साल 1972 के बीच चांद की सतह से 12 अंतरिक्ष यात्रियों को सकुशल धरती पर लेकर आया था।