न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): आगामी अप्रैल महीने से दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस (Miranda House) में महिला छात्रों के लिए एक खास कोर्स चलाया जायेगा। जिसकी मदद से राज्य और केन्द्र की राजनीति में शामिल होने की इच्छुक युवा महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। ये तीन महीने का सर्टिफिकेट क्रैश कोर्स होगा। इस खब़र की पुष्टि प्रिंसिपल बिजयालक्ष्मी नंदा (Principal Bijayalakshmi Nanda) ने की। उनके मुताबिक इस तरह का कोर्स करवाने वाला मिरांडा हाउस पहला शैक्षणिक संस्थान होगा। अगले एकडेमिक ईयर से इस कोर्स को लॉन्च कर दिया जायेगा।
प्रिंसिपल बिजयालक्ष्मी नंदा ने मीडिया से कहा कि, हम अप्रैल महीने एक पायलट कोर्स (Pilot course) शुरू करने की योजना बना रहे हैं और जिसे अगले एकडेमिक सैशन से महिला छात्रों के लिए शुरू कर दिया जायेगा। इस कोर्स में ग्राम पंचायत से लेकर शहरी नगर निकायों तक सभी स्तरों पर युवा महिलाओं को राजनीति में प्रवेश करने का हुनर सीखाया जायेगा। इसमें छात्राओं के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर खास ध्यान दिया जायेगा। हाल ही में मिरांडा हाउस ने इस पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक हफ्तें के ‘She Leads’ लीडरशिप वर्चुअल ट्रैनिंग प्रोग्राम तैयार किया था। जो कि सक्रिय राजनीति में आने की इच्छुक महिलाओं के मद्देनज़र बनाया गया है। इस कोर्स को चलाने के लिए रिसोर्स पार्टनर के तौर पर काम करेगा।
शी-लीड्स प्रोजेक्ट को गैर सरकारी संस्था स्त्री शक्ति और शेवनिंग एलुमनी प्रोजेक्ट फंड (CAPF) के सामूहिक सहयोग से चलाया जायेगा। हाल ही में स्त्री शक्ति के तत्वाधान में महिलाओं को राजनेता बनाने के लिए पहले बैच को सामूहिक प्रशिक्षण 8 मार्च को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में दिया जायेगा। इस मुद्दे पर प्रिंसिपल बिजयालक्ष्मी नंदा ने कहा कि. हमने किसी भी स्तर पर राजनीति में शामिल होने की इच्छुक युवा महिलाओं को सभी आवश्यक और प्रशिक्षण देने के लिए योजना बनाते हुए पहले इसे क्लास रूम प्रोग्राम के तहत रखा, पर हम इसे ऑनलाइन मोड में भी चलायेगें। मौजूदा वक्त में विशेषज्ञों के साथ पाठ्यक्रम को आखिरी रूप देने का काम चल रहा है। इसी क्रम में जल्द ही मैराथन बैठकों (Marathon meetings) को दौर शुरू होगा। जिसमें कोर्स के क्रियान्वयन पर विचार-मंथन किया जायेगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता और मिरांडा हाउस की पूर्व छात्रा वृंदा करात, जिन्होंने 1966 में कॉलेज से स्नातक किया था। उन्होनें कॉलेज के इस कदम का खुले दिल से स्वागत किया और कहा कि, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि, मेरा कॉलेज इस तरह की पहल कर रहा है। भारत में विभिन्न स्तरों पर महिलाओं ने राजनीतिक प्रक्रियाओं की भागीदारी में प्रासंगिकता (Relevance in participation) दिखाने की महत्वपूर्ण पहल की है। ये अच्छा है कि हमारे छात्रों को महिलाओं नेताओं के अनुभव का अध्ययन करना चाहिए, खासकर पंचायतों में।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी की नेता शाज़िया इल्मी ने कहा कि, निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में अधिक से अधिक महिला राजनीतिक नेताओं के होने से उन नीतियों को बढ़ावा मिलेगा जो महिलाओं के सामने चुनौतियों का सामना करती हैं। जब नीति और कानून की बात आती है, तो महिलायें बराबर की स्टेकहोल्डर्स होती है। अधिक महिलाओं के राजनीति में शामिल होने के लिए चीजों को आसान बनाने के तरीके और साधन होने चाहिए। मिसाल के लिए ट्विटर और फेसबुक महिला पॉलिटिशियन को काफी ट्रोल किया जाता है। इसस बचने, आवश्यक जांच और संतुलन बनाने के तरीके भी पाठ्यक्रम में शामिल होने चाहिए। राजनीति में होना महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण है।