एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के फरमान पर काम करने वाली वैगनर मिलिशिया कंपनी (Wagner Militia Company) की बगावती कवायदों ने क्रेमलिन को हिलाकर रख दिया। पुतिन सरकार के खिलाफ बगावत करने के गतिविधियां हालांकि एक दिन के भीतर ही रोक ली गयी, लेकिन इससे पुख्ता तौर पर मॉस्को (Moscow) के जड़े जरूर हिल गयी।
36 घंटों के वक्त के दौरान वैगनर ग्रुप के लड़ाकों और उनके मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ विद्रोह करते हुए मास्को के पास तख्ता पलट करने का पूरा मन बना लिया था। वैगनर ग्रुप इस दौरान सीधे तौर पर रूसी सेना के साथ हथियारबंद आमना सामना करने के लिये तैयार दिखायी दिया। हालांकि बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति लुकाशेंकों (President Lukashenko) के दखल के बाद येवगेनी प्रिगोझिन और उनका वैगनर ग्रुप जल्द ही पीछे हट गये और खून खराबा से बचने का फैसला किया।
बाद में ये ऐलान किया गयी कि प्रिगोझिन रूस छोड़ देंगे और बेलारूस में शरण लेंगे, उनके और उनके कमांडरों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप हटा दिये गये। इस दौरान हैरत की बात ये लगी कि पत्थर से सख़्त माने जाने वाले पुतिन ने इसे लेकर इतनी रहमदिली क्यों दिखायी। अक्सर पुतिन मामूली सी बातों पर सख्त नियम कायदे लगा देते है, इतनी बड़ी बात पर उनके दरियादिली वाले रवैये ने पूरी दुनिया को हैरानगी में डाल दिया है।
वैगनर निजी सैन्य कंपनी की अगुवाई करने वाले प्रिगोझिन पुतिन के कट्टर वफादार रहे हैं, लेकिन वो एकाएक रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ हो गये, जब उन्होंने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Defence Minister Sergei Shoigu) ने हजारों लोगों को मारने के इरादे से उनके सैनिकों के खिलाफ मिसाइल लॉन्च की।
पुतिन के वफादार ने जल्द ही विद्रोह कर दिया और अपने सैनिकों के साथ मास्को और रूसी सेना को घेरने का फैसला किया, जो कि देश की राजधानी से 200 किमी से भी कम दूरी पर थे, इससे रूसी अखंडता के लिये भारी सुरक्षा खतरा पैदा हो गया। पुतिन ने जल्द ही तल्ख तेवर दिखाते हुए राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रिगोझिन और उनके सैनिकों की कार्रवाई की निंदा की, साथ कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही।
हालांकि वैगनर ग्रुप (Wagner Group) ने रूस में खूनखराबे से बचने की वज़हों का हवाला देते हुए अपना कदम पीछे खींच लिये। बाद में उनके मुखिया ने रूसी सरकार के साथ खुद और अपने ज़वानों की हिफाजत करने के लिये समझौता किया, जिसके तहत उन पर और उनके सैनिकों के खिलाफ लगे देशद्रोह के आरोप हटा दिये गये और प्रिगोझिन को रूस से बाहर निकालने का साफ रास्ता देते गुए बेलारूस में बसने की उनकी शर्त रूसी सरकार ने मान ली।
कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जिन्होंने अपने तल्ख तेवर वाले भाषण के बाद कोई सार्वजनिक उपस्थिति नहीं दिखाई है, ने उनके खिलाफ विद्रोह की हालिया लहर के बीच रूस छोड़ने की योजना बनायी है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रेमलिन से दो जेट उड़ते देखे गये, जिनमें से एक जेट का इस्तेमाल खासतौर रूप से व्लादिमीर पुतिन सफर करने के लिये करते हैं। हालांकि रूस के कई आला अधिकारियों का कहना है कि पुतिन अभी भी क्रेमलिन में हैं।