एजेंसियां/न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): Sri lanka Economic Crisis: राजनीतिक संकट के बीच श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) ने संसद में सभी दलों को मंत्री पद स्वीकार करने के लिये आमंत्रित किया। बीते (3 अप्रैल 2022) रविवार को सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राजपक्षे की सरकार से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति को नया कैबिनेट नियुक्त करने के लिए छोड़ दिया। देशव्यापी कर्फ्यू के बावजूद सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये।
मिल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक अली साबरी (Ali Sabri) वित्त मंत्री के रूप में शपथ लेंगे और दिनेश गुनावर्धने (Dinesh Gunawardene) नये शिक्षा मंत्री बनने वाले हैं। प्रो. जी. एल पीरिस नये विदेश मंत्री होंगे और जॉन्सटन फर्नांडो (Johnston Fernando) नये राजमार्ग मंत्री होंगे।
श्रीलंकाई सरकार ने अपने बयान में कहा कि, “राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे ने सभी राजनीतिक दलों को मौजूदा राष्ट्रीय संकट का समाधान खोजने के साथ नागरिकों और आने वाली पीढ़ियों के लिये एक साथ आने को आमंत्रित किया।”
राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते देशव्यापी आपातकाल लगा दिया था क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति भवन पर धावा बोलने का प्रयास किया था। राजपक्षे के मंत्रिमंडल द्वारा सामूहिक इस्तीफे के बीच ब्लू-चिप इंडेक्स में 5.92 प्रतिशत की गिरावट के बाद आज (4 अप्रैल 2022) श्रीलंका के स्टॉक एक्सचेंज ने कारोबार रोक दिया।
कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज (Colombo Stock Exchange) ने कहा कि शेयरों में गिरावट के बाद 30 मिनट के लिये कारोबार ठप्प रहा। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि देश में बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बीच श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने अपना पद छोड़ दिया।
श्रीलंका पिछले दो सालों से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कोरोना महामारी ने दो साल में श्रीलंकाई विदेशी मुद्रा भंडार (Sri Lankan forex reserves) को अब तक के निचले स्तर पर पहुंचा दिया। संकट के बीच श्रीलंका ईंधन की कमी और बिजली कटौती की चपेट में है। राजपक्षे के मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद पिछले हफ्ते प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया था।