एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): दक्षिण एशिया में अपनी साख कायम करने की कवायदों को लेकर पाकिस्तान को श्री लंका (Sri Lanka) की ओर से तगड़ा झटका मिला। पाकिस्तानी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका की संसद ने आज होने वाले एक कार्यक्रम में प्रधान मंत्री इमरान खान के शामिल होने की योजना को रद्द कर दिया है। माना जा रहा है कि श्रीलंकाई सरकार ने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए ये कदम उठाया। इसके साथ ही श्रीलंकाई अखबार ने नये अनुमान भी लगाया कि इमरान खान अपने भाषण के दौरान कश्मीरी मुद्दे को हवा दे सकते है। जो कि श्री लंकाई सरकार को नागवार है।
श्रीलंका किसी भी कीमत पर भारत की नाराजगी नहीं चाहता। अगर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को श्री लंका की संसद में भाषण देने का मौका मिलता तो इसकी समानता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो सकती थी। इसीलिए सुनियोजित भाषण रद्द कर दिया गया। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार (Pakistani government) की खास गुज़ारिश पर पीएम इमरान खान के यात्रा कार्यक्रम में श्रीलंका की संसद में उनके भाषण को शामिल किया गया था। आगामी 22 फरवरी को इमरान दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर कोलंबो की यात्रा करने वाले है।
पहले के तयशुदा कार्यक्रम के तहत वो श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद्रा कपाकासा से भी मुलाकात करेंगे और इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेंगे। जिसके बाद वो 24 फरवरी को श्रीलंका की संसद में भाषण देने वाले थे। इसकी मांग इमरान खान ने खासतौर से की थी। श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक कई कारणों से उनका भाषण कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ केटेज ने इसके लिए कहा कि सदन के स्पीकर महिंदा यापा अबेदेना कोविड-19 के कारण ऐसा नहीं चाहते।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया में कयास लगाये गये कि श्रीलंकाई सरकार के भीतर कई ऐसे लोग है, जो इमरान खान का भाषण नहीं देना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से भारत के साथ संबंध और भी खराब हो सकते हैं। इस मुद्दे को लेकर श्री लंका की सरकार पहले से ही काफी तनाव में है। श्री लंका की सरकार को ये भी लगता है कि इमरान उनके देश के मुसलमानों के बारे में भी बोल सकते है। जो कि वहां बौद्ध बहुसंख्यकों (Buddhist majorities) द्वारा मुस्लिम नागरिक अधिकार हनन का मसला है। दूसरी ओर श्रीलंका सरकार ने देश में कोविड-19 से मरने वाले मुसलमानों के दाह संस्कार को कानून भी लागू किया जो कि विवादों के घेरे में आ गया था। इन सबके बीच दोनों मुल्कों के बीच कोलंबो बंदरगाह में ईस्ट कंटेनर टर्मिनल पर एक व्यापारिक समझौता होने की खब़र भी सामने आ रही है।