एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): बीते गुरूवार (31 मार्च 2022) देर शाम श्रीलंका (Sri Lanka) की राजधानी कोलंबो में नागरिकों ने हफ्तों तक गंभीर आर्थिक संकट से जूझने के बाद विरोध प्रदर्शन किया। श्रीलंका की राजधानी में राष्ट्रपति के आवास के बाहर 5,000 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की, इस दौरान वो पुलिस के साथ भिड़ गये।
विरोध को कम करने के लिये विशेष कार्य बल के अर्धसैनिक पुलिस दस्ते को मौके पर बुलाना पड़ा। इससे पहले गुरुवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) की हवेली के बाहर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें पत्रकारों समेत कम से कम दस लोग घायल हो गये।
मिरिहाना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष के बाद छह व्यक्तियों को कोलंबो राष्ट्रीय अस्पताल लाया गया। प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंकाई सेना (Sri Lankan Army) से जुड़ी एक बस और जीप में आग लगा दी। इसके अलावा पुलिस ने कोलंबो के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया।
डेली मिरर के मुताबिक चार और मरीजों को कालूबोविला (Kalubovilla) के कोलंबो साउथ टीचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्रोतों ने हवाला दिया कि सभी घायल लोग पुरुष थे, और उनमें से कई पत्रकार थे। मामले पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि, “कोलंबो नॉर्थ, कोलंबो साउथ, कोलंबो सेंट्रल और नुगेगोडा पुलिस डिवीजन में तत्काल प्रभाव से अगली सूचना तक पुलिस कर्फ्यू लगा दिया गया है।”
कोरोना से पर्यटन के कमी आने के कारण श्रीलंका की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओर है। श्रीलंका मौजूदा हालातों में विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पेट्रोल, बिजली और गैस की कमी हो गयी है। जिसे लेकर श्री लंका ने मित्र देशों से आर्थिक सहायता मांगी है। बता दे कि श्रीलंका में हर दिन कम से कम दस घंटे बिजली गुल रहती है।
8 मार्च के बाद से श्रीलंका की मुद्रा का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले SLR 90 से ज़्यादा का मूल्यह्रास हुआ। बिजली बचाने के लिये सरकार स्ट्रीट लाइट बंद कर रही है, बिजली मंत्री पवित्रा वन्नियाराची (Pavitra Vanniarachi) ने मीडिया से कहा कि, डीजल की लगातार कमी के कारण ज़्यादा बिजली कटौती हुई और मुख्य शेयर बाजार में कारोबार रुक गया।
बिजली कटौती पहले से ही आवश्यक वस्तुओं की किल्लत से जूझ रहे श्रीलंकाई लोगों की परेशानी को और बढ़ा रही है और कीमतों में उछाल आ रहा है।
सांख्यिकी विभाग ने गुरुवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) मार्च में एक साल पहले के मुकाबले की अवधि के मुकाबले 18.7 फीसदी पर पहुंच गयी। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 30.2 प्रतिशत तक पहुंच गयी, जो आंशिक रूप से मुद्रा अवमूल्यन (Currency Devaluation) और पिछले साल रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध से जुड़ी थी, जिसे बाद में उलट दिया गया।