एजेंसियां/न्यूज़ डेस्क (देविका चौधरी): सेक्स (Sex) के दौरान एक ब्रिटिश व्यक्ति का लिंग सीधे-सीधे लंबाई में टूट गया। इस तरह लिंग टूटने का ये अपने आप में पहला दर्ज मामला है। निजता और गोपनीयता के चलते शख़्स की पहचान को गुप्त रखा गया है। इस मामले की जानकारी ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होने के बाद सामने आयी।
40 वर्षीय व्यक्ति ने अपने साथी से सैक्स के दौरान खुद को घायल कर लिया। डॉक्टरों ने कहा कि उसका पेनिस उसके साथी के पेरिनेम, गुदा और जननांगों के बीच वाले इलाके में टूट गया। गौरतलब है कि लिंग में कोई हड्डी नहीं होती है। ऐसे में इरेक्टाइल टिश्यू के चारों ओर बनी प्रोटेक्टिव लेयर (Protective layer around Erectile Tissue) में ब्लड़ सर्कुलेट/ ब्लड़ पंपिंग करने वाली नस जब बुरी तरह मुड़ जाती है तो इसे रक्त संचार में एकाएक रूकावट आ जाती है। इस रूकावट के कारण लिंग काफी सूज जाता है। इसी मेडिकल स्थिति को लिंग फ्रैक्चर आना या लिंग टूटना कहते है।
आमतौर पर लिंग गोलाई में टूटता या फ्रैक्चर्ड होता है लेकिन मौजूदा मामले में ये सीधे-सीधे लंबाई में टूटता है। सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि जिस ब्रिटिश आदमी के लिंग में ये वर्टिकल पेनाइनल फ्रैक्चर आया, उसे लिंग टूटने या पॉपिंग आवाज नहीं आने का अहसास तक नहीं हुआ। इंटरकोर्स के दौरान उसे पेनिट्रेटिव ब्रेक (Penetrative Brake) लगाने पर भी पॉपिंग आवाज़ नहीं सुनाई दी। डॉक्टरों इस तरह के पहले और अलग मामले को देखते हुए काफी हैरान है।
एमआरआई स्कैन से पता लगा कि पीड़ित व्यक्ति के लिंग में दाहिने हाथ की तरफ तीन सेंटीमीटर लंबा अंदरूनी कट था, लेकिन तुरंत सर्जरी होने के कारण उसकी सेहत ठीक हो गयी। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की केस स्टडी के मुताबिक पीड़ित चोट लगने के छह महीने बाद फिर से यौन संबंध (sexual relations) बनाने में पूरी तरह समक्ष था। उसका इरेक्शन पहले की तरह सामान्य था, साथ ही उसके लिंग में टेढ़ापन और किसी तरह के चोट को कोई निशान नहीं थे।
एक सीनियर यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक 88.5 फीसदी पेनाइल फ्रैक्चर सेक्स के दौरान होते हैं। हस्तमैथुन और सोने की स्थिति इसकी अहम़ वज़हें है। मध्य पूर्वी देशों में जबरन लिंग को झुकाने की परम्परा है। जिससे लिंग टूटता है। इस फ्रैक्चर ने और अधिक रिसर्च के रास्ते खोल दिये हैं। वैज्ञानिक अब लंबवत फ्रैक्चर और पेनाइल फ्रैक्चर (Vertical Penile fracture) को लेकर और ज़्य़ादा अध्ययन कर पायेगें। निश्चित रूप से ठोस नतीज़ों पर पहुँचने से पहले उन्हें बहुत काम करना होगा।