नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): पश्चिम उत्तर प्रदेश के बागपत में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतेसार अली (Sub-Inspector Intesar Ali) का मामला पूरे प्रदेश के पुलिसिया महकमें में छाया हुआ है। हाल ही में उन्हें दाढ़ी रखने के कारण निलंबित कर पुलिस लाइंस भेज दिया गया। पुलिस महकमें के मुताबिक इंतेसार अली को दाढ़ी बढ़ाने को लेकर तीन बार विभागीय चेतावनी (Departmental warning) जारी की गयी थी। साथ ही उन्हें विभाग के आला अधिकारियों से दाढ़ी रखने की औपचारिक आज्ञा लेने का भी फरमान जारी किया गया था। जिसे वो लगातार टालते आ रहे थे। जैसे ही उन्हें पुलिस लाइंस भेजा गया सूबे में सियासत में भूचाल देखने को मिला।
मामले पर एसपी बागपत अभिषेक सिंह ने स्पष्टीकरण (Explanation of SP Baghpat Abhishek Singh) देते हुए कहा कि- पुलिस मैनुअल (Police manual) में सिर्फ सिख पुलिसकर्मियों को दाढ़ी रखने की रखने की प्रशासनिक इज़ाजत है। इसके अलावा अन्य पुलिसकर्मी अगर दाढ़ी रखना चाहते है तो, उन्हें तयशुदा आवेदन प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस मामले में इंतेसार अली को भी इस नियमावली का पालन करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होनें नियमों को ताक पर रखकर बिना इज़ाजत दाढ़ी रख ली।
मामले ने तूल पकड़ा तो दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) के मौलवियों ने एसपी बागपत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मौलवियों एसपी के रवैये को असंवेदनशील और आधारहीन करार दिया। इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी मुस्तफा देहलवी ने प्रकरण पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- सब इंस्पेक्टर इंतेसार अली के साथ किया गया व्यवहार ना काबिले बर्दाश्त है। ये कार्रवाई पूर्वाग्रहों से भरी हुई है।
बागपत पुलिस को शिकायत मिली थी कि, रमाला थाने में तैनात दारोगा इंतेसार अली ने मौलानाओं वाले अंदाज में अपनी मूंछें भी साफ करवा कर लंबी-लंबी दाढ़ी रखी हुई है, जिस पर वो लाल मेहन्दी लगाता है। इस मामले पर कानूनी जानकारों का मानना है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के मुताबिक देश का हर नागारिक किसी भी धर्म को मानने और उसका आचरण करने के लिए स्वतंत्रता है। ऐसे में दाढ़ी सहित उसे दूसरी धार्मिक पहचान रखने की छूट है।
दूसरी ओर इस प्रतिक्रिया देते हुए सब इंस्पेक्टर इंतेसार अली ने कहा कि- नवंबर 2019 में उन्होनें ने कई बार दाढ़ी रखने के लिए तयशुदा इज़ाजत लेने की कोशिश की लेकिन उनके आवेदन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी। मौजूदा हालातों को देखते हुए वह एक बार फिर से विभागीय प्रक्रिया (Departmental process) को पूरा करने की कवायद में लगेगें। इस मामले पर स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि- एसपी बागपत ने दावा किया कि, केवल सिखों को दाढ़ी रखने की इज़ाजत है, जबकि दूसरे पुलिसकर्मियों को साफ-सुथरा रहना होगा। इस पर मामले में एसपी बागपत अभिषेक सिंह का फैसला सही है। जहाँ मेरी जानकारी है ये नियम हैं। ये सभी पर लागू होते हैं। तथ्यों की जाँच करनी चाहिए। ये भेदभाव का मामला नहीं लगता।