न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): Chandrayaan-3 Mission: देशभर के लोगों को इंतजार खत्म हो गया क्योंकि जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल ने तयशुदा वक्त के मुताबिक आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस अंतरिक्ष यान के लिये धरती से चंद्रमा तक के सफर में लगभग एक महीने का वक्त लगने का अनुमान है और इसकी लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है। सॉफ्ट लैंडिंग की मदद से ये चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जहां पर अब कोई देश नहीं पहुँच सका है। लैंडिंग होने पर पर ये एक चंद्र दिवस तक काम करेगा, जो कि लगभग धरती के 14 दिनों के बराबर है। चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिनों के बराबर होता है।
चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र एक्सप्लोरेशन मिशन (Lunar Exploration Mission) है, जो कि भारत को अमेरिका, चीन और रूस (China and Russia) के बाद चौथा देश बना देगा, जो कि चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारेगा और चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग के लिये अपनी काबिलियत दुनियाभर को दिखायेगा। बता दे कि चंद्रयान-2 मिशन को साल 2019 में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान चुनौतियों का सामना करने के बाद आखिरकर उस मिशन के मकसद को नाकाम माना गया।
चंद्रयान-3 तयशुदा उड़ान के बाद चांद की ट्रेजेक्ट्री में प्रवेश करेगा। 300,000 किमी से ज्यादा की दूरी तय करते हुए ये आने वाले हफ्तों में चंद्रमा पर पहुंचेगा। जहाज पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे और चांद को लेकर वैज्ञानिक समझ में खासा इज़ाफा करेगें। चंद्रयान-3 लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल (Rover and Propulsion Module) से लैस है। इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है।
इस मिशन का मकसद चांद की सतह की छानबीन करना है। चांद को आने वाले वक्त में मिनरल्स भंडार के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही इसकी मदद से सौर मंडल के बाकी हिस्सों और उससे आगे का पता लगाने में भी सक्षम बनायेगा।
चंद्रयान-3 के लॉन्च से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि, 14 जुलाई, 2023 को भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित किया जायेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने ट्विट कर लिखा कि-“ये उल्लेखनीय मिशन हमारे देश की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। हमारे वैज्ञानिकों को धन्यवाद। भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत समृद्ध इतिहास है। चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों में पथप्रदर्शक माना जाता है क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है।”
बता दे कि चंद्रयान-2 भी उतना ही अग्रणी मिशन था क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर के डेटा ने पहली बार रिमोट सेंसिंग के जरिये क्रोमियम, मैंगनीज और सोडियम की मौजूदगी का पता लगाया था। इसके साथ ही चंद्रयान-2 ने चांद के मानचित्र, और क्रेटर के आकार का पता लगाया था।
खास बात ये है कि चंद्रयान-3 का विकास चरण जनवरी 2020 में शुरू हुआ और लॉन्च की योजना 2021 में बनाई गई थी। हालांकि कोविड-19 महामारी की वज़ह से मिशन में काफी देरी हुई।
इसरो के पूर्व निदेशक के सिवन (K Sivan, Former Director of ISRO) ने मीडिया को बताया कि मिशन चंद्रयान-3 की कामयाबी से भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान जैसे कार्यक्रमों का मनोबल बढ़ेगा। देश के अंतरिक्ष क्षेत्र के इनोवेशन में अहम भूमिका निभाने वाले इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Scientist Nambi Narayanan) ने बीते गुरुवार (13 जुलाई 2023) को कहा था कि चंद्रयान-3 मिशन सफल होने जा रहा है और ये देश के लिए गेम-चेंजर घटना होगी। उन्होनें आगे कहा कि- “मैं मान रहा हूं, और मुझे उम्मीद है कि ये सफल मिशन होगा। क्योंकि चंद्रयान-2 में जो भी दिक्कत थी, असल में हमने सब ठीक कर लिया। नाकामी से हमने (अपनी ओर से) सभी गलतियों को समझ लिया है।”
इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर लिखा कि, “ये बहुत ही असाधारण उपलब्धि है। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए ISRO और प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों को बधाई। अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भारत की प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है और यह मिशन निस्संदेह नई खोजों और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
लॉन्चिंग पर इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- “चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। हमारे LVM3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित कर दिया है…हम चंद्रयान-3 के लिए शुभकामनाएं देते हैं ताकि वो आने वाले दिनों में चंद्रमा की ओर सफल यात्रा कर सके।”
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि- “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं।”
इसरो वैज्ञानिकों के साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि- “यह वास्तव में भारत के लिए गौरव का क्षण है और श्रीहरिकोटा में हम सभी के लिए भाग्य का क्षण है कि हम इस इतिहास का हिस्सा बन सके। मैं भारत को गौरवान्वित करने के लिये टीम इसरो को धन्यवाद देता हूं।”