न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): आईपीएस आकाश तोमर ने एसपी प्रतापगढ़ (SP Pratapgarh) का कार्यभार संभाल लिया। उनके द्वारा जिले की कानून व्यवस्था संभालते ही इलाके के हिस्ट्रीशीटर्स और पेशेवर अपराधियों में खलबली की खासा माहौल है। हाल में उनकी देखरेख में मर्डर से जुड़ा केस प्रतापगढ़ पुलिस ने महज़ 24 घंटों में सुलझा लिया। मामला बीते शनिवार (27 मार्च) को हुई एक हत्या से जुड़ा हुआ है। मामले में एसपी प्रतापगढ़ के दिशा-निर्देश में पुलिस टीम ने अगले ही दिन संदिग्ध अभियुक्तों को धरदबोचा।
घटना को थानाक्षेत्र कोहड़ौर के पीथापुर में अंज़ाम दिया गया। जहां धीरेन्द्र बहादुर सिंह नामक शख़्स की हत्या कर दी गयी। मृतक के बेटे धनन्जय सिंह की लिखित तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ मु0अ0सं0- 51/21 धारा 302, 504, 506 भादवि के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस टीम ने दबिश देने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया साथ ही इलैक्ट्रानिक और मैनुअल सर्विलांस का इस्तेमाल कर जानकारी और सबूत इकट्ठा किया जाना शुरू कर दिया गया। इसी क्रम में बीते रविवार (28 मार्च) को पुलिस ने खुफ़िया सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र कोहड़ौर के गहरौली मोड़ तिराहे से दो अभियुक्तों को धरदबोचा। इन दोनों के पास से पुलिस टीम ने हत्या में इस्तेमाल बांस के डण्डे की भी बरामदगी कर ली। पकड़े गये संदिग्ध अभियुक्तों का नाम विपिन सरोज और राजबली सरोज बताया जा रहा है।
हिरासत में इंटरोगेशन (पूछताछ) के दौरान विपिन सरोज ने हत्या की बात कबूल करते हुए बताया कि बीते शुक्रवार (26 मार्च) को विपिन और उसका भाई रंजीत सिंह ने खेत से बिना बताये गन्ने तोड़ लिये। जिससे धीरेन्द्र बहादुर सिंह बुरी तरह झल्ला उठे और हमें गालियां देने लगे। धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने हमारी बाइक की चाबी निकल ली। ये हमें को बेहद नागवार लगी। जिसके बाद विपिन सरोज और रंजीत सिंह मौके पर वापस राजबली सरोज उर्फ मुंशीरजा (विपिन सरोज के पिता) को लेकर आये। हम तीनों ने मिलकर पीथापुर जाने वाली सड़क पर लाठी डण्डों से धीरेन्द्र बहादुर सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी। जिसके बाद रंजीत मौके से फरार हो गया। मैं और मेरे पिता राजबली सरोज गहरौली मोड़ तिराहे से भागने की फिराक में थे। इसी दौरान पुलिस टीम ने हमें हिरासत में ले लिया।
पुलिस टीम हत्या के तीसरे अभियुक्त रंजीत सरोज की काफी सरगर्मी से तलाश कर रही है। जिसके लिए संभावित जगहों पर दबिश दी जा रही है। अभियुक्तों के धरपकड़ करने वाली टीम की कमान प्रभारी निरीक्षक बच्चेलाल प्रसाद संभाल रहे थे। उनकी अगुवाई और एसपी तोमर के दिशा-निर्देशों पर मामला काफी जल्दी और पेशेवराना तरीके से सुलझता दिख रहा है।