S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई पर नहीं पड़ेगा असर, रूसी राजदूत ने जताया भरोसा

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तनाव बेहद बढ़ा दिया है, मौजूदा हमले के बीच यूक्रेन पर हमले के खिलाफ पश्चिमी देशों ने रूस पर कई कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाये। इन हालातों में ये संभावना है कि रूस के इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट में भारी रूकावट आयेगी, जिसका कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा। इस तरह कई लोग सोच रहे हैं कि क्या मौजूदा प्रतिबंधों से रूस और भारत के बीच किये गये रक्षा सौदे को नुकसान होगा।

भारत में रूसी दूत डेनिस अलीपोव (Russian envoy Denis Alipov) ने आज (2 मार्च 2022) इस सवाल पर सफाई देते हुए कहा कि मास्को पर मौजूदा प्रतिबंधों का रूस और भारत के बीच S-400 रक्षा सौदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जहां तक भारत को एस-400 की सप्लाई का मामला है, इसमें हमें कोई बाधा नहीं दिखती है। इस सौदे को जारी रखने के लिये हमारे पास रास्ता हैं। प्रतिबंध पुराने या नये किसी भी तरह का दखल इस रक्षा सौदे में नहीं पड़ेगा।

इसके अलावा रूसी दूत ने रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच मौजूदा संघर्ष में भारत के रुख की तारीफ करते हुए कहा कि मॉस्को, नई दिल्ली (New Delhi) के संतुलित रुख की सराहना करता है क्योंकि नई दिल्ली संकट की पूरी गहरायी को अच्छे से समझती है। हम भारत के साथ रणनीतिक सहयोगी हैं। संयुक्त राष्ट्र में संतुलित स्थिति के लिये हम भारत के आभारी हैं। उन्होंने यूक्रेन के कई संघर्ष वाले इलाकों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर भी चर्चा की।

उन्होनें आगे कहा कि, “हम यूक्रेन में खार्किव (Kharkiv), सूमी और अन्य जंग वाले इलाकों से भारतीयों की सुरक्षा के लिये भारत के संपर्क में हैं। हमें रूसी इलाके के रास्ते वहां फंसे सभी लोगों को निकालने के लिये भारत का अनुरोध मिला है।

यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) ने यूक्रेन पर हमले के बीच रूस पर कठोर प्रतिबंधों को लागू किया है। कीव पर हमले के खिलाफ सबने एकसुर में इसकी आलोचना की है। इन कथित प्रतिबंधों का रूस पर पहले से ही गहरा असर पड़ा है, जिसके चलते रूबल (Ruble) और रूसी बाजार में भारी गिरावट देखी गयी है।

बता दे कि यूक्रेन पर रूसी हमला एक हफ़्ते पहले शुरू हुआ था, जब रूसी सेना ने कीव में हवाई हमले शुरू किये। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हमले की शुरुआत के बाद से अब तक यूक्रेन में सैकड़ों नागरिक हताहत हुए हैं।

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