न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): देश के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने सभी राज्यों को आरक्षण के मुद्दे पर नोटिस भेजते हुए 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने पर राय मांगी है। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले से सभी राज्यों कि शक्ति पर असर पड़ेगा जिसके चलते राज्यों को सुनना जरुरी है।
दरअसल ये मामला तब सामने आया जब मराठाओं ने आरक्षण (Reservation) कि मांग की है। यदि मराठा आरक्षण की अनुमति दी जाती है तो ऐसी स्तिथि में राज्य में आरक्षण 50 फीसदी से भी अधिक बढ़ सकता है। हालाँकि लगभग 30 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नही बढाई जा सकती है। अगर कोई राज्य किसी विशेष समुदाय या ख़ास वर्ग के लोगो को आरक्षण देना चाहता है तो उसे पहले से दिए गये आरक्षण में कटौती करनी होगी।
बता दें कि वर्तमान में सभी प्रकार के आरक्षण को लेकर भारतीय संविधान में कुल 50 फीसदी तक का प्रावधान किया गया है।
फिलहाल इस मामले कि अगली सुनवाई अब 15 मार्च को होगी।