किसान आन्दोलन को बड़ा झटका, Supreme Court ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की जांच की मांग करने वाली याचिका की ख़ारिज

न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली (tractor rally) के दौरान हुई हिंसा की जांच करने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है। गौरतलब है कि इस याचिका में मीडिया को बिना किसी सबूत के किसानों को “आतंकवादी” घोषित न करने के लिए निर्देश देने और हिंसा की जांच के लिए मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (SA Bobde) और जस्टिस एएस बोपन्ना (AS Bopanna) और वी रामसुब्रमण्यम (V Ramasubramanian) की खंडपीठ ने दलीलों को सुनने से इनकार कर दिया और तीन याचिकाकर्ताओं को अपनी दलीलों के साथ सरकार से संपर्क करने और वहां प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा। और पढ़ें – Kisan Andolan: अब मियां खलीफा उतरी समर्थन में, ट्विट कर कहीं ये बात

चीफ जस्टिस ने कहा कि, “हमें यकीन है कि सरकार इस बारे में पूछताछ कर रही है और कार्रवाई कर रही है। हमने प्रेस में सुना जहां प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून अपना काम करेगा, हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। आप सरकार से संपर्क कर सकते हैं।”

याचिकाकर्ता के वकील विशाल तिवारी ने दलील दी कि 26 जनवरी को जो “दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, उसमें दोनों पक्ष दोषी थे।” और पढ़ें – Kisan Andolan: अब मियां खलीफा उतरी समर्थन में, ट्विट कर कहीं ये बात

जब चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पूछताछ कर रही है, तिवारी ने कहा कि जांच को एकतरफा नही होनी चाहिए।

इस पर, मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, “आपकी प्रार्थना इस तथ्य पर आधारित है कि यह एकतरफा होने वाली है। यह एक जांच है। इसमें सभी पक्षों को ध्यान में रखा जाता है।” और पढ़ें – Kisan Andolan: अब मियां खलीफा उतरी समर्थन में, ट्विट कर कहीं ये बात

एक अन्य याचिकाकर्ता वकील शिखा दीक्षित ने खंडपीठ को बताया कि पुलिस की पिटाई की गई थी और 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा हुई थी।

शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा दायर एक अन्य याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें मीडिया को ऐसा निर्देश देने की बात की गई थी कि वह बिना किसी सबूत के किसानों को “आतंकवादी” घोषित न करें। शर्मा ने दावा किया है कि किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन में तोड़फोड़ करने की एक सुनियोजित साजिश थी और उन्हें बिना किसी सबूत के कथित तौर पर “आतंकवादी” घोषित किया गया था।

स्वाति गोयल शर्मा और संजीव नेवार द्वारा दायर एक अन्य याचिका में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा ट्रैक्टर रैली हिंसा की जांच के लिए प्रार्थना की गई थी। और पढ़ें – Kisan Andolan: अब मियां खलीफा उतरी समर्थन में, ट्विट कर कहीं ये बात

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