न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): सुप्रीम कोर्ट ने आज (27 जून 2022) एकनाथ शिंदे और शिवसेना (Shiv Sena) के अन्य बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर द्वारा 11 जुलाई तक जारी किये गये अयोग्यता नोटिस (Disqualification Notice) का जवाब दाखिल करने की मंजूरी दी।
इससे पहले, डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के बागी विधायकों को सोमवार, 27 जून शाम 5.30 बजे तक अपना जवाब देने को कहा था। शीर्ष अदालत ने शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका पर महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा के उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के सचिव और अन्य को भी नोटिस जारी किया है।
मामले को 11 जुलाई को सुनवाई के लिये लिस्टेड किया गया है। शीर्ष अदालत ने हालांकि महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया कि विधानसभा में कोई फ्लोर टेस्ट (Floor Test) नहीं होना चाहिये और कहा कि वो हमेशा इसमें संपर्क कर सकते हैं, मामला अवैधता का है।
महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी करते हुए, शीर्ष अदालत ने उन्हें बागी विधायकों द्वारा उन्हें दिये गये नो ट्रस्ट नोटिस के हलफनामे के रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice Surya Kant and Justice JB Pardiwala) की अवकाश पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना के 39 बागी विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करने का भी निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के वकील का बयान भी दर्ज किया कि बागी विधायकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिये पर्याप्त कदम उठाये गये हैं। अदालत दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल (Deputy Speaker Narhari Jirwal) द्वारा अजय चौधरी (Ajay Choudhary) को शिंदे की जगह पर शिवसेना विधायक दल (एसएसएलपी) के नेता के रूप में मान्यता देने और शिंदे और अन्य 15 विधायकों को अयोग्यता नोटिस देने के फैसले को चुनौती दी गयी थी।