न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): केन्द्र सरकार ने बिहार सरकार की उस सिफारिश को मान लिया है। जिसमें एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की कथित आत्महत्या के मामले की जांच सीबीआइ (CBI Inquiry) द्वारा कराने की बात कही गयी थी। अब इस मामले में दिलचस्प पहलू ये आ गया है कि, JDU और Shivsena में रार ठन गयी है। दोनों ही पार्टियां सियासत के मैदान में नूरा कुश्ती करती दिख रही है। महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में इसके खिलाफ बगावती तेवर अख़्तियार कर लिया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) पर निशाना साधते हुए मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होनें महाराष्ट्र पुलिस की जांच को बेहतर बताया।
संजय राउत का बयान सामने आने पर संजय सिंह (Sanjay Singh) ने पलटवार करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सीबीआई जांच के नाम पर इतना घबरा क्यों रहे है? साफतौर पर इस मामले में शिवसेना से जुड़े कई बड़े लोग शामिल है। जिनकी वजह शिवसेना की राजनीतिक शुचिता, मराठी गौरव (Political integrity, Marathi pride) और पार्टी भविष्य दांव पर लगा हुआ है। महाराष्ट्र सरकार कथित तौर पर उन हाई प्रोफाइल सफेदपोश अपराधियों (High profile white collar criminals) को बचाना चाह रही है। महाराष्ट्र सरकार मामले पर पर्दा डाले रखना चाहती है। शिवसेना का मौजूदा रवैया और बयान उनकी इसी छटपटाहट को दिखाते है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी संजय राउत इस हाई प्रोफाइल मामले में सीबीआई के हस्तक्षेप को सियासी कवायद बता चुके है। केन्द्र और बिहार सरकार को घेरते हुए उन्होनें कहा कि, सीबीआई जांच को आगे बढ़ाकर पॉलिटिकल माइलेज लेने की होड़ मची हुई है। शिवसेना के मुखपत्र सामना (Shiv Sena mouthpiece Saamana) में भी इसी बात को प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही शिवसेना ने बात रखते डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस बिहार (Director general of bihar police) पुलिस के रवैये पर भी गंये पर भी गंभीर सवाल उठाये। संजय राउत ने ये भी कहा कि, सुशांत का निजी जीवन काफी उथल-पुथल भरा रहा है। केके सिंह से उनके संबंध काफी नाज़ुक दौर से गुजर रहे थे।
संजय राउत के इस बयान के बाद जेडीयू ने प्रतिक्रिया दर्ज करवाते हुए कहा- पूरे देश ने देखा कि महाराष्ट्र गये बिहार पुलिस के जांच दल के (Bihar Police Investigation Team) साथ किस तरह का बर्ताव किया गया। कोरोना क्वारंटाइन (Corona quarantine) के नाम पर आईपीएस अधिकारी को ज़बरन बंधक बनाया गया। खुद सुशांत के पिता ने सीबीआई जांच की पैरवी की। उन्हें महाराष्ट्र पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की पोल सीबीआई जांच के बाद खुल जायेगी।