न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर एंटीलिया के बाहर से जिलेटिन रॉड्स से भरी महिंद्रा स्कार्पियो कार मिलने के बाद सनसनी फैल गयी थी। आज इसी कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। महाराष्ट्र पुलिस इसे आत्महत्या का प्रकरण मान रही है। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक मनसुख हिरेन ने कलावा ब्रिज से कूदकर जान दे दी। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स पर काफी संगीन आरोप लगाए और कहा कि अभियुक्त को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाई जानी चाहिए थी, जिसमें पुलिस ने कोताही बरती और उसकी जान चली गई।
गौरतलब है कि मनसुख हिरेन पुलिस को बताया था कि उनकी महिंद्रा स्कार्पियो कार चोरी हो गई। जिसके बाद पुलिस ने उनकी उनकी लिखित तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर ली। बाद में यहीं कार 20 जिलेटिन छड़ों के साथ एंटीलिया के बाहर से बरामद की गई थी। मुकेश अंबानी के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को पुलिस ने काफी बारीकी से खंगाला और आरोपी शख्स की शिनाख्त करने की कोशिश की। जिसने कार को वहां खड़ा किया था।
वीडियो फुटेज में संदिग्ध शख्स ने मास्क पहन रखा था। जिसकी वजह से उसकी शिनाख्त में काफी दिक्कत हो रही है।बीते शुक्रवार महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से कराने की मांग की थी, उन्होंने दावा किया कि इन्वेस्टिगेशन अधिकारी सचिन वझे और मनसुख हीरेन काफी समय से एक दूसरे के संपर्क में थे। जिसके लिए उन्होंने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (Call detail record) भी मीडिया के सामने पेश किया।
देवेन्द्र फडनवीस ने कार मालिक की जिस दिन गाड़ी चोरी हुई। उस दिन उन्होंने किन-किन लोगों से मुलाकात की। ये इस मामले की सबसे अहम कड़ी है। गाड़ी मिलने की सूचना पर स्थानीय पुलिस से पहले जांच अधिकारी सचिन वाझे मौके पर एंटीलिया कैसे पहुंच गये। गाड़ी मुंबई के ठाणे में चोरी हुई और वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि इसके साथ-साथ एक इनोवा कार भी ठाणे से एंटीलिया पहुँची। इनोवा कार वहां से निकल गई और स्कॉर्पियो एंटीलिया विस्फोटकों सहित एंटीलिया के पास पार्क हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि, सचिन को इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (Investigation Officer) नियुक्त किया गया। जिसके बाद टेलीग्राम पर एक धमकी भरा खत आया। जिसे जैश-उल-हिंद आतंकी संगठन ने भेजा। इस वारदात की जिम्मेदारी लेते हुए क्रिप्टो करेंसी से फिरौती की मांग की। छानबीन में सामने आया कि जैश-उल-हिंद पता गलत है। मैंने लगातार मनसुख हिरेन को सिक्योरिटी कवर देने का बात कही। उनकी जान को भारी खतरा था। मेरी बातों को महाराष्ट्र सरकार और पुलिस लगातार नज़र अंदाज़ करती रही। अभी अभी पता लगा कि उनकी डेड बॉडी रिकवर की गई है। ऐसे में ये मामला और भी ज्यादा गंभीर हो गया है।