एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): स्वीडिश अधिकारियों ने आज (18 नवंबर 2022) खुलासा किया कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों (Nord Stream Pipeline) पर सितंबर में हुए धमाके तोड़फोड़ की कार्रवाई थी। इस हमलें में बाल्टिक सागर (Baltic Sea) के नीचे रूस से जर्मनी (Germany) तक गैस ले जाने वाली पाइपलाइन के कुछ हिस्सों को तबाह कर दिया था। शुरूआती जांच की अगुवाई कर रहे अभियोजक मैट जुंगकविस्ट (Prosecutor Matt Jungqvist) ने अपने बयान में कहा कि, “बाल्टिक सागर में साइट पर मौका ए वारदात की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर बरामदगी की गयी और साथ ही मामले से जुड़े काफी दस्तावेज़ भी पाये गये है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “अब जो विश्लेषण किया गया है, उसमें कई विस्फोटक के अंश मिले हैं। घटना के बारे में पुख़्ता ठोस निष्कर्ष निकालने अभी और छानबीन करनी होगी।”
मामले में फिलहाल अभी तक किसी भी संदिग्ध का नाम नहीं लिया गया है। इस मसले पर काम कर रहे दूसरे मुल्कों के अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिये स्वीडिश अधिकारियों ने उनकी खुलकर तारीफ भी की।
बता दे कि नॉड स्ट्रीम पाइपलाइनों में बड़े पैमाने पर टूट-फूट की वज़ह से गैस का भारी रिसाव हुआ था, जो कि बाल्टिक सागर की सतह से ही दिखायी दे रहा था। रिसाव से सार्वजनिक खतरे की चेतावनी और पर्यावरणीय क्षति की आशंका पैदा हो गयी।
रूसी रक्षा मंत्रालय (Russian Defence Ministry) ने बाद में बिना किसी सबूत के ब्रिटिश नौसेनिकों (British Marines) पर पाइपलाइनों को उड़ाने का आरोप लगाया। लंदन ने ऐसी सभी रिपोर्टों का खंडन किया और कहा कि इन कथित बयानों को यूक्रेन (Ukraine) में रूसी सैन्य नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिये डिज़ाइन किया गया था।