न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): आज (7 अक्टूबर 2022) सेना ने बताया कि मध्य प्रदेश के बबीना में एक सैन्य अभ्यास के दौरान भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गये और एक घायल हो गया। रिपोर्टों के मुताबिक रूस निर्मित टैंक के बैरल में धमाका होने से सेना के जवान गंभीर रूप से झुलस गये। घटना में शामिल T-90 टैंक को तीन जवानों की टीम ऑपरेट कर रही थी और इसकी कमान एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) के पास थी।
कमांडर और गनर (Commander and Gunner) ने जलने के कारण दम तोड़ दिया। फिलहाल चालक खतरे से बाहर है और बबीना के सैन्य अस्पताल (Military Hospital of Babina) में उसका इलाज चल रहा है। सेना ने हादसे की जांच शुरू कर दी है।
मामले पर सेना के अधिकारी ने कहा कि, “झांसी (Jhansi) के पास बबीना छावनी (Babina Cantonment) में फील्ड फायरिंग अभ्यास के दौरान एक जेसीओ (JCO) समेत भारतीय सेना (Indian Army) के जवान की टी-90 टैंक की बैरल फटने से मौत हो गयी। घटना की जांच के लिये कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court of Inquiry) का आदेश दे दिया गया है।
जाने T-90 टैंक के बारे में
T-90 टैंक रूस में बनाया गया हैं। ये भारतीय टैंक रेजिमेंट (Tank Regiment) का मेन बैटल टैंक है। साल 1992 के दौरान इसे रूस की सेना में शामिल किया गया था। टैंक में 125 मिमी की स्मूथबोर मुख्य बंदूक (Smoothbore Main Gun) लगायी गयी है। मजबूत इंजन के साथ इसमें 1A45T फायर कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली के साथ इसे खास किस्म के हाईग्रेड स्टील से लैस किया गया है। इसमें स्मोक ग्रेनेड डिस्चार्जर, कोंटकट -5 एक्सोप्लोसिव रिएक्टिव ऑर्मर (ERA) और श्टोरा इंफ्रारेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) जैमिंग सिस्टम है।
इसमें 1,250 हॉर्स पावर वाला V-92S डीजल इंजन है। ये इंजन अपनी पूरी क्षमता के साथ टैंक को 60 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड देता है।
साल 2001 में भारत ने रूस से 310 T-90 टैंक खरीदे, जिनमें से 186 को भारत में ही असेंबल किया जाना था। साल 2006 में भारत और रूस ने 330 T-90S भीष्म टैंकों (Bhishma Tanks) के लिये एक और कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किये, जो तमिलनाडु (Tamil Nadu) में बनने वाले थे। टैंक का भीष्म एडिशन देश की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है, इसे रूस और फ्रांस (Russia and France) के सहयोग से विकसित किया गया है।
साल 2021 में भारतीय सेना ने अपने T-90 टैंक बेड़े को नये कॉम्पोनेंट समेत सॉफ्ट और हार्ड किल सिस्टम के साथ अपग्रेड करना चाह रही थी। साल 2020 तक भारत के पास सेवा में 2,080 टैंक हैं।
2012 में भारत ने 354 नये टैंक खरीदे जिसने भारत की कुल टैंक ताकत को 4,500 टैंकों तक ला खड़ा किया। इसमें टी-90 वेरिएंट, टी-72, और अर्जुन एमबीटी शामिल थे। भारतीय सेना ने साल 2020 तक 21 टी-90 टैंक रेजिमेंट बनाने की योजना बनायी है, जिसमें 45 लड़ाकू टैंक समेत 17 ट्रेनिंग और रिप्लेसमेंट टैंक रेजिमेंट होगी।