न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): तालिबान (Taliban) ने हाल ही में भारत के विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) से काबुल के लिये कर्मिशियल फ्लाइटों का फिर से संचालन करने की गुहार लगायी है, जिसे 15 अगस्त के बाद से बंद कर दिया गया था। हाल ही में अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (Afghanistan Civil Aviation Authority) ने डीजीसीए को खत लिखकर कहा कि- “अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की तारीफ करता है। हाल ही में काबुल हवाई अड्डे को तहस नहस कर दिया गया। जो कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी से पहले पूरी तरह ऑप्रेशनल थे। हमने कतर की तकनीकी मदद से हवाईअड्डे को एक बार फिर से चालू कर लिया है।”
एक शीर्ष सरकारी सूत्र के मुताबिक मौजूदा हालातों में काबुल के लिये कर्मिशियल फ्लाइटों को फिर से शुरू करने के फैसले की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा बैठक (Review meeting) में नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry Of Civil Aviation) और विदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी शामिल है, जो इस मामले पर ठोस फैसला ले सकते है।
अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (एसीएए) ने भी भारतीय अधिकारियों से भारत और काबुल के बीच वाणिज्यिक उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है। इस मामले पर एसीएए ने अपने लिखे पत्र में कहा कि- "इस खत का इरादा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन की बुनियाद पर दोनों मुल्कों के बीच अफगान नेशनल एयरलाइंस (एरियाना अफगान एयरलाइंस और काम एयर) की उड़ानों को फिर से शुरू करना है ताकि दोनों देशों के बीच फिर से नियमित तौर पर उड़ानें शुरू हो सके। इसलिए अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण आपसे अनुरोध करता है कि आप सुविधा वाणिज्यिक उड़ानों की फिर से बहाली करें”
गौरतलब है कि एयर इंडिया ने काबुल के लिये अपनी आखिरी कर्मिशिल फ्लाइट 15 अगस्त को काबुल में उथल-पुथल के बीच संचालित की थी। तालिबान द्वारा पिछले महीने काबुल पर कब्जा किये जाने के बाद अफगानिस्तान में उड़ानों का संचालन लगभग ठप्प हो गया था। जिसके घरेलू उड़ानें 5 सितंबर को फिर से शुरू की गयी।
पाकिस्तान की सरकारी कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (Pakistan International Airlines) ने अफगानिस्तान में अपनी सेवायें 13 सितंबर को शुरू की थी। तालिबान के कब़्जे के बाद पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ही पहली एयरलाइन थी, जिसने इंटरनेशनल चार्टर फ्लाइट (Charter Flight) की सेवायें मुहैया करवायी थी।