एजेंसियां/न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक (Russian news agency Sputnik) के मुताबिक बीते सोमवार (6 सितंबर 2021) को तालिबान (Taliban) ने अफगान समाचार मीडिया को पंजशीर नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (Panjshir National Resistance Front – NRF) के नेता अहमद मसूद के संदेश को प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, हाल ही में अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने तालिबान के खिलाफ “राष्ट्रीय विद्रोह” का आह्वान किया था।
रूसी समाचार एजेंसी ने अल अरबिया न्यूज (Al Arabia News) का हवाला देते हुए कहा, “तालिबान ने अफगान समाचार मीडिया को राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनएफआर) के नेताओं में से एक, अहमद मसूद द्वारा जारी आंदोलन के खिलाफ प्रतिरोध के आह्वान को प्रसारित करने से रोक दिया है।”
खबर में आगे बताया गया कि तालिबान ने पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई (Former Afghan President Hamid Karzai) और राष्ट्रीय सुलह के लिये बनी उच्च परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला को अपने साथी नागरिकों से मिलने से भी रोका गया। ये खब़र सोमवार को अहमद मसूद द्वारा तालिबान के खिलाफ “राष्ट्रीय विद्रोह” के आह्वान के बाद सामने आयी।
अलजज़ीरा ने बताया कि मीडिया को भेजे गये ऑडियो संदेश में नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट के कमांडर अहमद मसूद ने कहा, "आप कहीं भी हों, अंदर या बाहर, मैं आपसे हमारे अफगानिस्तान की गरिमा, स्वतंत्रता और समृद्धि के लिये राष्ट्रीय विद्रोह शुरू करने का आह्वान करता हूं,"
इस बीच तालिबान के नियंत्रण में आने वाले अंतिम अफगान प्रांत पंजशीर से लगातार विरोधाभासी खबरें सामने आ रही है। हाल ही में एनआरएफ ने उस तालिबानी दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि तालिबानी आंतकियों ने पंजशीर घाटी का किला फतेह कर लिया है। 15 अगस्त को तालिबान के काबुल में घुसने के बाद अमेरिकी समर्थित अफगानिस्तान की नागरिक सरकार गिर गयी।
पंजशीर में पिछले चार दिनों में लगातार भंयकर हथियारबंद मुठभेड़ की खब़रे सामने आ रही है। दोनों और के लोग एक दूसरे को बुरी तरह नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहे है। पंजशीर अहमद मसूद और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Former Vice President Amarulla Saleh) की अगुवाई में राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा का गढ़ बना हुआ है।
अमरुल्ला सालेह जिन्होंने खुद को कार्यवाहक अफगानी राष्ट्रपति घोषित किया था। बीते रविवार (5 सितंबर 2021) को कहा कि मसूद ने कहा कि अगर तालिबान ने पंजशीर छोड़ दे तो वो लड़ाई बंद करने और बातचीत शुरू करने के लिये तैयार है।
हाल ही में रविवार को ख़बर सामने आयी कि पंजशीर प्रतिरोध के प्रवक्ता फहीम दस्ती (Spokesperson Faheem Dasti) तालिबान के साथ संघर्ष में मारे जा चुके है। वो पूर्व सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के भतीजे भी थे, जो अफगानिस्तान के भविष्य पर तालिबान के साथ बातचीत में शामिल हैं।