Taliban: अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में नहीं रहेगा रूसी दख़ल- राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में कहा कि तालिबान (Taliban) द्वारा पिछले हफ़्ते लड़ाई के कगार पर खड़े मुल्क अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में मास्को किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थान तास के साथ बातचीत करते हुए राष्ट्रपति पुतिन (President Vladimir Putin) ने कहा कि स्वाभाविक रूप से हम अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, न ही हमारे सशस्त्र बलों को इस संघर्ष में शामिल किया जायेगा।

पुतिन ने ये भी कहा कि अफगानिस्तान के हालात ” बेहद कठिन और खतरनाक” है और रूस इस पर पैनी नज़र रखे हुए है। इसी मुद्दे पर एक सम्मेलन के दौरान पुतिन ने कहा कि हम सब जानते हैं कि मौजूदा वक़्त में अफगानिस्तान (Afghanistan) में पैदा हुए हालात कितने कठिन और खतरनाक है। हम इस पर पैनी निगाहें बनाये हुए है। इसे लेकर सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) में हमारे सहयोगियों द्वारा काफी सक्रिय सहयोग किया जा रहा है।

तास को उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में संघर्ष दशकों से सुलग रहा है पूर्व सोवियत संघ का उस देश में अपना अनुभव है। हमने उससे सबक सीखा है। गौरतलब है कि बिडेन प्रशासन द्वारा अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियान (US military operation) को समाप्त करने और अपने सैनिकों की वापसी शुरू करने की घोषणा के बाद तालिबान ने अफगान सरकारी बलों के  खिलाफ बेहद आक्रामक अभियान शुरू किया।

15 अगस्त को तालिबान लड़ाके काबुल में घुस गये और कुछ ही घंटों भीतर अफगान राजधानी पूरा कब़्जा कर लिया। जिसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर भाग गये और ये दावा किया कि खूनखराबा रोकने के लिये उन्होनें अफगानिस्तान छोड़ा। जिसके बाद उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि संविधान के तहत राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी अधिकारिक तौर पर वो "कार्यवाहक राष्ट्रपति" है। अमरुल्ला सालेह (Amarulla Saleh) ने इसके बाद उन्होनें तालिबान के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध (Armed Resistance) का आह्वान किया।

अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत पंजशीर में तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला गया है। ये अफगानिस्तान का वो एकमात्र इलाका है जहां तालिबान के विरूद्ध जंगी अफगानी ताकतें (Afghan forces against Taliban) एकजुट हो रही है। जिसकी अगुवाई अफगानिस्तान के ताजिक समुदाय के प्रभावशाली नेता अहमद शाह मसूद (Ahmed Shah Masood) (1953-2001) के बेटे अहमद मसूद कर रहे है। अहमद शाह मसूद ने 1990 के दशक में तालिबान के खिलाफ कई लड़ाईयों की अगुवाई की थी।

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