एजेंसियां/न्यूज डेस्क (जोरावर रंधावा): हाल ही में रूसी न्यूज़ एजेंसी स्पूतनिक ने दावा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के कुछ हफ्तों बाद तालिबान (Taliban) ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी ड्रोन अफगान हवाई इलाके में अभी भी काम कर रहे हैं और ऐसे में पेंटागन अगर अफगानी हवाई सीमा में उड़ान भर रहे ड्रोनों पर लगाम नहीं लगाता है तो इसके काफी नतीज़े गंभीर हो सकते है।
तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Taliban spokesman Zabihullah Mujahid) ने अमेरिका को अफगानी राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करने का आरोप लगाते हुए सभी देशों से वाशिंगटन पर लगाम कसने का दबाव डालने की बात कही। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर इस पर रोक नहीं लगती है तो इसके नतीज़े नकारात्मक हो सकते है।
स्पुतनिक के मुताबिक उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि “किसी भी नकारात्मक परिणामों (Negative Consequences) को रोकने के लिये हम सभी देशों खासतौर से संयुक्त राज्य अमेरिका से पारस्परिक दायित्वों के अनुसार काम करने का आह्वान करते हैं।” तालिबान ने पिछले महीने ही पूरे अफगानिस्तान पर काबू कर लिया और सितंबर में अपनी अंतरिम सरकार का भी ऐलान कर दिया।
अमेरिकी सैनिकों ने पिछले साल तालिबान के साथ पहले से दोहा समझौते (Doha Agreement) के तहत 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ने का आश्वासन दिया था। तालिबान ने कुछ हफ्ते पहले ही अफगानिस्तान में सरकार बनाने वाले मंत्रियों के मंत्रिमंडल की घोषणा करके खुद को वैध करार दिया। कैबिनेट के ऐलान के बाद आतंकवादी समूह तालिबान पर दुनिया भर के लोगों ने तरह तरह की टिप्पणियां की क्योंकि अफगानी कैबिनेट (Afghan cabinet) में सिर्फ तालिबान सदस्य शामिल थे और इसमें कोई भी महिला नहीं थी।
संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के साथ एक संयुक्त बयान (Joint Statement) जारी कर कहा कि तालिबान को अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समूहों (Minority Groups) समेत सभी अफगानों के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही सुनिश्चित किया जाये कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिये नहीं किया जाना चाहिये।