Nikita Tomar हत्या मामले में तौसीफ और रेहान दोषी, अदालत ने सुनायी उम्र कैद की सज़ा

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): निकिता तोमर (Nikita Tomar) हत्याकांड के दोषियों तौसीफ अहमद और रेहान को आज (26 मार्च) हरियाणा की फरीदाबाद कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनायी। निकिता बी.कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। निकिता का कत्ल पिछले साल अक्टूबर महीने में उसके कॉलेज के बाहर दिनदहाड़े तौसीफ ने किया था। बीते बुधवार (24 मार्च) को जिला सत्र न्यायालय ने दोनों को दोषी पाया और आज दोनों को सज़ा मुकर्रर कर दी गयी। दोनों दोषियों को धारा 302 (हत्या), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए महिला का अपहरण), धारा 506 (आपराधिक धमकी), 120-बी (आपराधिक साजिश) और भारतीय दंड संहिता की 34 (आम मंशा) के तहत दोषी पाया गया। पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तारी के बाद से दोनों जेल में हैं।

इस मामले के तीसरे आरोपी मोहम्मद अजरुद्दीन जिस पर दोनों को हथियार मुहैया कराने का आरोप था, उसे फरीदाबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरताज बसवाना ने बरी कर दिया। गौरतलब है कि अग्रवाल कॉलेज के बाहर निकिता की क्लास के पुराने साथी तौसीफ ने प्वाइंट ब्लैक रेंज से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। ये वारदात कैमरे की ज़द में आ गयी थी। जिसके आधार पर दोषियों की धरपकड़ की गयी। हत्या के इस मामले की सुनवाई 1 दिसंबर, 2020 से शुरू हुई थी। पीड़ित परिवार ने दावा किया था कि ये ‘लव जिहाद’ का मामला था, जहां आरोपी तौसीफ ने पीड़िता पर इस्लाम कबूल कर शादी करने का दबाव डाला था।

तौसीफ और रेहान ने 21 वर्षीय निकिता तोमर को अगवा करने की कोशिश की थी। जब उसने विरोध किया तो तौसीफ ने रिवाल्वर से उस पर गोली चला दी। ये वारदात 26 अक्टूबर को अंज़ाम दी गयी। जब निकिता तोमर कॉलेज से बाहर निकली। दो लोगों ने पहले उसे बंदूक की नोक पर अपने वाहन में खींचने की कोशिश की और जब उसने विरोध किया तो उनमें से एक ने उसे गोली मार दी। मामले की छानबीन के लिए 27 अक्टूबर, 2020 को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। जिसने 60 गवाहों की गवाही के आधार पर 6 नवंबर को कोर्ट में 700 पन्नों की चार्जशीट दायर की।

अपराध के बाद, पूरे हरियाणा में विरोध प्रदर्शन हुए। अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए, सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्होंने 2018 में तौसीफ के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की थी, लेकिन बाद में मामला सुलझ गया था। पीड़िता परिवार दोषी को दी गयी उम्रकैद से नाखुश़ है। परिवार के मुताबिक वो दोषियों के खिलाफ मौत की सज़ा की मांग करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मौजूदा फैसले को चुनौती देंगे।

महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा रेखा ने मीडिया को बताया कि, निकिता के परिवार वालों उसे पढ़ा लिखाकर पैरों पर खड़ा करना चाहते थे। इसी बीच उसी निर्मम हत्या कर दी गयी। इसीलिए मैं मृत्युदंड देने की मांग करना चाहूंगी। निकिता तोमर के पिता ने कहा कि, उनकी बेटी को बचाया जा सकता था। अगर लव जिहाद के खिलाफ कानून पहले ही लागू किया गया होता।

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