सीएए, एनआरसी और एनपीआर का मामला देशभर में तूल पकड़ता जा रहा है। कही इसे लेकर भारी धरना-प्रदर्शन हो रहा है तो कही इस जमकर सियासी बवाल। ऐसे में इस साल जिन राज्यों में चुनाव है वहाँ माहौल को गर्माने के लिए इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है। ऐसे में बंगाल का नाम तो पहले से ही जगज़ाहिर अब इस फेहरिस्त में बिहार का नाम भी जुड़ता नज़र आ रहा है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तीखा सिय़ासी हमला बोला और साथ ही उन पर जनता के सामने सफेद झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। तेजस्वी यादव ने सीएए और एनआरसी को लेकर जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार पर वादाखिलाफी करने की बात कही।
जेडीयू ने पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मसले पर अपना पक्ष साफ करते हुए कहा था कि, बिहार सरकार CAA को लेकर केन्द्र का साथ नहीं देगी। इस मसले को लेकर कई राजनीतिज्ञों ने एनडीए में जेडीयू के भविष्य को लेकर कई तरह कयास लगाने शुरू कर दिये थे। साथ दावा किया कि आने वाले बिहार चुनावों में नीतीश कुमार अल्पसंख्यक वर्ग को नाराज़ नहीं करना चाहते इसी दबाव में आकर उन्होनें ये बयान दिया।
ट्विटर पर तेजस्वी यादव ने एक राजकीय पत्र साझा किया है, जिसमें मोकामा (पटना) प्रखण्ड के ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले तीन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का जिक्र किया है, जिन्हें एनआरसी से जुड़े कामों के लिए तैयार किया गया है। इस पत्र में प्रत्येक विद्यालय से दो-दो शिक्षकों के नाम बतौर वॉलन्टियर मांगे गये है, जिन्हें एनआरसी की प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा। गत 28 जनवरी को ये चिट्ठी मरांची, मोर और रामपुर डुमरा स्कूल के प्रधान अध्यापकों को भेजी गयी। साथ ही तेजस्वी यादव ने लिखा कि- सूबे में NRC और NPR का काम शुरू हो चुका है। राज्य के अधिकारी की इस चिट्ठी ने नीतीश सरकार का पर्दाफाश कर दिया है। NPR देशभर में कहीं भी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन बिहार में ये कवायद शुरू हो चुकी है। अब ये जनता को ही तय करना है असली संघी कौन है ?
मामले जैसे ही तूल पकड़ा तो आनन-फानन में बिहार सरकार को सफाई पेश करनी पड़ी। मोकामा प्रखण्ड के ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी ने दूसरी चिट्ठी जारी करते हुए कहा कि- चिट्ठी में भूलवश NPR की जगह NRC लिखा दिया गया था। बीडीओ ने गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की। इस प्रकरण की गाज़ सतीश कुमार के ऊपर गिरी उनका तबादला ग्रामीण विकास विभाग कर दिया गया। सतीश कुमार का कार्यभार सतीश कुमार को दे दिया गया।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव के तर्ज पर ही बिहार में विपक्षी खेमे में बैठे कई दूसरे नेताओं ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया।