न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारतीय सेना (Indian Army) के व्हाइट नाइट कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह (White Knight Corps GOC Lt Gen Manjinder Singh) ने आज (28 सितम्बर 2022) कहा कि जम्मू में हिंसा काफी कम हुई है। जम्मू के नगरोटा (Nagrota of Jammu) में मीडिया बातचीत करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा, ” सेना को आतंकवाद के खिलाफ स्थानीय लोगों का बहुत समर्थन हासिल है। अब तक जम्मू में हिंसा काफी कम हुई है और अगर कोई आंतकी घाटी की ओर से आया है तो उसे मार गिराया गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि, ” हम लगातार पाकिस्तानी घुसपैठ, आतंकवादियों, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की कोशिश कर रहे है, हमारे पास मजबूत घुसपैठ रोधी ग्रिड है और दूसरी बात ये है कि हम भीतरी इलाकों को सुरक्षित करने पर ध्यान लगा रहे हैं, जिसके लिये हमारा मजबूत आतंकवाद विरोधी ग्रिड काफी कारगर है।”
इसके अलावा ड्रोन (Drone) खतरे की चिंता पर सिंह ने ड्रोन विरोधी सिस्टम शुरू करने का ऐलान करते हुए जिक्र किया कि पंजाब और मैदानी इलाकों में ड्रोन का खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि, “हमारे (व्हाइट नाइट कॉर्प्स) इलाके में ड्रोन कम देखे जा रहे हैं और हमें शक है कि यहां देखे गये ड्रोन दुश्मन की टोही कवायद का हिस्सा हैं, इसलिए हमें जल्द ही हमें एंटी ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) मिलने वाला है।
उन्होंने घुसपैठ के मुद्दे पर कहा कि, “पिछले दो सालों में भारतीय सेना के व्हाइट नाइट कोर्प्स के तहत नियंत्रण रेखा (LoC) पर कोई कामयाब घुसपैठ नहीं हुई है। सेना कई शानदार पहल कर रही है, जो शिक्षा, खेल और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों समेत घाटी के युवाओं के विकास पर ध्यान दे रही है।
बाद में उन्होंने “दुश्मन” द्वारा युवा कट्टरता का मुकाबला करने के लिये सेना के साथ-साथ समाज के निरंतर प्रयासों की मांग की, और इसे राष्ट्रीय प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा “दुश्मन लगातार कट्टरपंथ फैला रहा है। अकेले सेना इसका मुकाबला नहीं कर सकती है, लेकिन समाज को भी इस दिशा में प्रयास करना चाहिये क्योंकि ये अपने आप संपूर्ण राष्ट्रीय प्रयास है। हम प्रशासन और धर्मगुरूओं को लगातार अपने सम्पर्क में बनाये हुए है।
उन्होंने कहा कि व्हाइट नाइट कॉर्प्स जम्मू इलाके में नशीले पदार्थों और घुसपैठ का मुकाबला करने के लिये लगातार काम कर रहा है और जिक्र किया कि “आतंकवादी भर्ती घाटी में फैला बड़ा मसला हैं।”
हाल ही में विजिलेंस डिफेंस गार्ड्स (वीडीजी) बनाये गये हैं, जिसके तहत आतंकी तालिब हुसैन को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था। पहले इस योजना को ग्राम रक्षा समितियों (VDC) के नाम से जाना जाता था, जहाँ गाँवों के स्वयंसेवकों को भारतीय सेना और पुलिस के जरिये ट्रेनिंग दी जाती थी। इस योजना के तहत वीडीसी को राइफलें मुहैया करवायी गयी और उन्होंने लोगों आंतकवाद (Terrorism) के खिलाफ लामबंद होने का आवाह्न किया।
इस स्कीम ने घाटी के गांववालों को आतंकवादी हमलों और आतंकवाद से जुड़ी कवायदों खासतौर से जम्मू इलाके के कमजोर पहाड़ी गांवों में अहम भूमिका निभायी। वीडीसी सदस्यों ने भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खासा मदद की थी।