न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): कोर्ट (Court) के फैसले का एक बेहद ही अज़ब-गज़ब वाकया सामने आया है। जहां पुलिस कांस्टेबल को कोर्ट ने 100 बोतल कोक बांटने का ऑर्डर सुना दिया। ये अज़ीबोगरीब किस्सा गुजरात का है। हुआ यूं कि बीते मंगलवार (15 फरवरी 2022) को अदालत की सुनवाई के दौरान एक पुलिस अधिकारी कोका कोला पी रहे थे, जिस पर गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने नाराज़गी जाहिर की। मामला का संज्ञान में लेते हुए मुख्य न्यायाधीश (सीजे) अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली न्यायिक पीठ ने कांस्टेबल साहब को बतौर सजा 100 बोतल कोक बांटने का अज़ब फरमान सुना दिया।
बता दे कि न्यायिक खंडपीठ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक मामले की सुनवाई कर रही थी। जिसमें न्यायमूर्ति आशुतोष जे.शास्त्री (Justice Ashutosh J. Shastri) भी शामिल थे। इसी मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी के तौर पर पुलिस अधिकारी भी मौजूद था। जब सुनवाई शुरू हुई तो वो कोक पीते नज़र आये। मामले पर मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि-“वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दौरान कोका-कोला पी रहा पुलिस अधिकारी कौन है?” इस पर पुलिस की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील (एजीपी) डीएम देवनानी (DM Devnani) ने माफी मांगी।
देवनानी ने कहा, “मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। मैं उनसे (पुलिस अधिकारी) सिर्फ अपना वीडियो बंद करने के लिये कहूंगा।” हालांकि सीजे ने कहा कि पुलिस अधिकारी का यूं सुनवाई से बाहर नहीं किया जा सकता। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि- “कैन से पता चलता है कि ये कोका-कोला है। हमें ये नहीं जानते कि कोक किसके बनती है। क्या वो (पुलिस अधिकारी) आईपीएस ऑफिसर है। जिस तरह वो हरकत कर रहे है, उससे तो यहीं लगता है कि वो अधिकारी है। अगर वो फिजिकल कोर्ट में होते तो क्या वो इस तरह से कोक की बोतल ला पाते?
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश कुमार ने तब एक वकील के बारे में बताया, जो कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान समोसा खाते हुए पाया गया था।
मुख्य न्यायाधीश ने हल्के लहज़े में कहा कि- “एक बार एक वकील साहब हमारे सामने समोसा खा रहा थे। हमने कहा कि हमें उनके समोसा खाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन एकमात्र मुद्दा है कि वो हमारे सामने समोसा नहीं खा सकता है और हमारा भी मन है। समोसा हमें भी पसंद है। उन्हें सबके लिये समोसा लाना चाहिये था।
सीजे ने डीएम देवनानी से कहा कि वो कोर्ट के सामने पेश होने वाले पुलिस अधिकारी को ‘कोका-कोला’ पीते हुए बार एसोसिएशन में सभी को 100 बोतल कोक बांटने का निर्देश दें।
“उन्हें बार एसोसिएशन में सभी को ‘कोका-कोला’ की 100 बोतल बांटनी चाहिये वरना हम मुख्य सचिव से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिये कहेंगे। उनको हम तब तक नहीं छोड़गें जब तक कि वो इस सज़ा को पूरा नहीं कर देते है। आज शाम तक ये कोक की 100 बोतलें बट जानी चाहिये।”
इस पर सीनियर एडवोकेट भास्कर तन्ना (Senior Advocate Bhaskar Tanna) ने कहा कि- अगर बांटना ही है तो क्यों ना कोका-कोला से कम नुकसानदेह कोई चीज़ बांटी जाये शायद नींबू पानी बढ़िया ऑप्शन हो सकता है।
सीजे ने कहा, “अमूल जूस, उसे (पुलिस अधिकारी) अमूल जूस की व्यवस्था करने के लिये कहें।” ये सुनकर कोर्ट और सुनवाई में मौजूद वकीलों के बीच हंसी फूट पड़ी। अदालत ने हल्के-फुल्के अंदाज में एजीपी देवनानी से कहा कि वो पुलिस अधिकारी से कोक की बोतलें का सेट ले ले। इसके बाद कोर्ट ने दूसरे मामलों की सुनवाई शुरू की।