न्यूज डेस्क (एकता सहगल): चुनाव आयोग (Election Commission) ने बीते मंगलवार (16 मार्च 2021) को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को राजनीतिक दलों से मिलने के उनके सुझाव पर खत लिखा। आयोग ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITMC) के प्रतिनिधियों के साथ हुई कई बैठकों की याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने कहा कि खुद को निर्दोष साबित करने के लिए आयोग पर ममता बार-बार चुनाव आयोग कस रही है। वो आयोग को छोटेपन का अहसास दिलवाने की कोशिश कर रही है।
आयोग ने आगे लिखा कि- इलेक्शन कमीशन किसी भी राजनीतिक इकाई की करीबी रहने या उसके प्रभाव में होने के लिए कटघरे में खड़े रहना पसन्द करता। हालांकि ये शिगूफ़ा सीएम ममता बनर्जी के दिलोदिमाग में छाया हुआ है। ये बेहद हैरानगी भरा है। साथ ही ममता बनर्जी इस रवैये के लिए जानी जाती रही है। सीएम ममता बनर्जी को अपने इस रवैये पर लगाम कसनी होगी। वो ये सब क्यों कर रही है? गौरतलब है कि हाल में चुनाव आयोग ने ममता सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय दूसरे अधिकारियों को नंदीग्राम वाली घटना (Nandigram incident) के बाद से हटा दिया था। जिसके बाद ममता ने आयोग से उनकी बहाली की मांग की।
इससे पहले भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार पर ममता बनर्जी ने तंज कसते हुए कहा था कि-क्या गृह मंत्री देश को चलाएंगे या ये तय करेंगे कि किसकी गिरफ्तारी होगी, किसकी पिटाई होगी, वो ये तय करते है कि कौन सी एजेंसी किसका पीछा करेगी? कौन चुनाव आयोग चला रहा है? उम्मीद है कि ये सब अमित शाह नहीं करते होगें। इन सब हरकतों के पीछे अमित शाह का हाथ नहीं होता होगा। मुख्यमंत्री ममता ने बांकुड़ा जिले के मेजिया में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि, भाजपा चाहे मुझे कितना भी प्रताड़ित करे। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो मुझसे टकरायेगा, चूर-चूर हो जायेगा। घायल बाघिन ज़्यादा खतरनाक (Injured tigress is more dangerous) होती है। मैं अपनी बेटियों और माताओं के दो पैरों के समर्थन के साथ एक पैर से चुनावी मैदान में उतारूगीं।
ममता बनर्जी की शुरूआती मेडिकल जांच रिपोर्ट बताती है कि, उनके बाएं पैर और टखने के साथ-साथ कंधे, कोहनी के ऊपर और गर्दन पर भी गंभीर चोटें आयी है। उन्हें नंदीग्राम में कथित रूप से धक्का देने वाली घटना के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया था। जिसके बाद उन्हें 12 मार्च को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब उन्होने व्हील चेयर पर रहकर ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है। इसी क्रम मे उन्होनें केन्द्र सरकार और चुनाव आयोग के बीच कथित सांठगांठ का इल्ज़ाम लगाते हुए बयान दिया था। जिस पर आयोग ने उन्हें खत लिखकर ज़वाब दिया कि ऐसे बयान देकर इलेक्शन कमीशन को छोटेपन का ज़बरन अहसास दिलाया जा रहा है। ऐसी हरकतों से आयोग की छवि और विश्वसनीयता को भारी नुकसान पहुँचता है। 294 सदस्यीय बंगाल विधानसभा के लिए चुनाव 27 मार्च से शुरू होकर सिलसिलेवार आठ चरणों में चलेगें। 2 मई को मतगणना कर चुनावी नतीज़ों का ऐलान कर दिया जायेगा।