न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) खेमे में शिवसेना विधायकों की ताकत 50 को पार जाने की उम्मीद है, आज और विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है। शिवसेना के एक और विधायक के एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होने जा रहे है। चांदीवाली विधायक दिलीप लांडे (Chandiwali MLA Dilip Lande) असम के रास्ते में हैं और आज दोपहर तक वो गुवाहाटी (Guwahati) पहुंचेंगे।
इस बीच एकनाथ शिंदे खेमे के विधायकों ने अपना दूसरा प्रस्ताव पारित करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि सीताराम जिरवाल (Narhari Sitaram Jirwal) और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) को खत लिखा। 37 विधायकों ने इस खत में दावा किया है कि शिंदे उनके नेता हैं।
खत में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता होंगे, जबकि भरतशेत गोगावाले (Bharatshet Gogawale) शिवसेना के मुख्य सचेतक होंगे। वहीं शिवसेना ने एकनाथ शिंदे समेत शिंदे खेमे के 11 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिये डिप्टी स्पीकर नरहरि सीताराम जिरवाल को खत लिखा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena leader Uddhav Thackeray) ने बीते बुधवार (22 जून 2022) को पार्टी विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने के लिये इन 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। शिवसेना नेता अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने बताया कि बैठक से पहले सभी विधायकों को नोटिस दिया गया था कि जो भी बैठक में शामिल नहीं होगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
उद्धव ठाकरे के पद छोड़ने के प्रस्ताव पर एकनाथ शिंदे ने कहा
उद्धव ठाकरे के शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री पद छोड़ने के प्रस्ताव पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि, मैं अकेले कोई फैसला नहीं ले सकता। हम बहुत आगे निकल चुके हैं, अब मैं अकेले फैसले नहीं ले सकता। अब हमसे जुड़े विधायक मिलकर सारे फैसले लेंगे।
हिंदुत्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि, बालासाहेब (Balasaheb) का हिंदुत्व (Hindutva) किसी अन्य धर्म का अपमान करने के लिये नहीं था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Govt.) ने शिवसेना को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
इस बीच शिवसेना के बागी विधायक संजय शिरसैट (MLA Sanjay Shirsat) ने कहा कि, “पहले कई बार विधायकों ने उद्धव जी को बताया कि चाहे कांग्रेस (Congress) हो या एनसीपी (NCP), दोनों शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार विधायकों ने उद्धव जी से मिलने के लिये समय मांगा, लेकिन वो उनसे कभी मिले ही नहीं।”